भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए लगातार चिंताजनक ख़बरों के बीच एक अच्छी खबर आई है। अगस्त के महीनें में भारत का कुल निर्यात बड़ी तेजी से बढ़ते हुए 27.84 अरब डॉलर पहुँच गया है। इसका मुख्य कारण पेट्रोल, इंजीनियरिंग, मेडिकल और गहने जैसे क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन है।
अगस्त में इसके अलावा आयात में भी वृद्धि हुई है, जो कि करीबन 25 फीसदी बढ़कर 45.24 अरब डॉलर पहुँच गया है। इसका मुख्य कारण कच्चे तेल के दामों में उछाल है।
कुल निर्यात के बारे में बात करें तो अगस्त में पिछले महीनों के मुकाबले काफी उछाल दिखा और यह लगभग 19.21 फीसदी बढ़ा। इससे पहले मई के महीनें में कुल निर्यात में 20.18 फीसदी की छलांग दिखी थी।
इसके अलावा आपको बता दें कि व्यापारिक घाटे में भारी कमी देखने को मिली है।
वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इसी महीनें कुल व्यापारिक घाटा 12.72 अरब डॉलर था, जो इस साल 17.4 अरब डॉलर पर है। इसी साल जुलाई में कुल व्यापारिक घाटा 18.02 अरब डॉलर पर पहुँच गया था।
यदि निर्यात की बात करें तो पेट्रोलियम, इंजीनियरिंग, फार्मा, और गहनों में क्रमश 43.25 फीसदी, 31.81 फीसदी, 28.52 फीसदी और 34.76 फीसदी का उछाल दिखा।
अगस्त के महीनें में कुल तेल के आयात में 51.62 फीसदी की वृद्धि होकर यह 11.83 अरब डॉलर पहुँच गया है और तेल के अलावा अन्य पदार्थों के आयात में 18.17 फीसदी की वृद्धि होकर यह 33.41 अरब डॉलर पर पहुँच गया है।
अगस्त के महीनें में सोने के आयात में 92.62 फीसदी की बढ़त होकर 3.64 अरब डॉलर हो गया है। ऐसा माना जा रहा है कि रुपए के गिरने की वजह से निर्यात में फायदा हो रहा है।
इस साल अप्रैल से अगस्त के बीच कुल निर्यात में 16.13 फीसदी की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 136.09 अरब डॉलर पहुँच गया है। इसी दौरान कुल आयात में 17.34 फीसदी की वृद्धि होकर यह 216.43 अरब डॉलर पहुँच गया है।
इसी दौरान पिछले साल के मुकाबले कुल व्यापारिक घाटा 67.27 अरब डॉलर से बढ़कर 80.35 डॉलर पहुँच गया है।
अप्रैल से अगस्त के बीच तेल के आयात में 53.35 फीसदी की वृद्धि होकर यह 58.81 फीसदी हो गया है, वहीँ तेल के अलावा अन्य पदार्थों के आयात में 7.84 फीसदी की वृद्धि होकर यह 157.62 अरब डॉलर पहुँच गया है।
ऐसा अनुमान है कि रुपए के इतनी तेजी से गिरने का एक मुख्य कारण बढ़ता हुआ व्यापारिक घाटा है।
सुचना स्त्रोत: फाइनेंसियल एक्सप्रेस