प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सप्ताह के अंत में एक मीटिंग बुला सकते हैं, जिसमें वे गिरते रुपए समेत अर्थव्यवस्था के अन्य पहलुओं पर चर्चा कर सकते हैं। इस खबर के आने के बाद कल रुपए में मजबूती दिखी और रुपया 72 से कम पहुँच गया था।
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस मीटिंग में देश के बड़े आर्थिक दिग्गज शामिल होंगें और इसमें रुपए की वर्तमान स्थिति पर बातचीत की जायेगी।
पीटीआई के मुताबिक, “इस मीटिंग में वित्त मंत्री अरुण जेटली, नीति आयोग वाईस-चेयरमैन राजीव कुमार, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार बिबेक देबरॉय और वित्त सेक्रेटरी हसमुख अधिया शामिल हो सकते हैं।”
जाहिर है पिछले कई दिनों में अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं में चिंताजनक बातें सामने आई हैं। डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार गिरता जा रहा है। कच्चे तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। डीजल और पेट्रोल की कीमतें आसमान छु रही हैं। ऐसे में सरकार को इस बारे में जल्द ही कोई फैसला लेना होगा।
इससे पहले आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय नें यह घोषणा की थी, कि सरकार और आरबीआई मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि रुपया ज्यादा नीचे ना गिरे।
इससे पहले बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्षी पार्टियों नें सोमवार को भारत बंद का एलान किया था। कई राज्यों में इसका असर देखा गया था, लेकिन सरकार नें इस बारे में जल्द कोई फैसला नहीं लिया था।
आर्थिक सलाहकार सुभाष गर्ग नें रुपए के गिरने पर कहा था कि इसका कोई निश्चित कारण नहीं है और बाजार में मिली-जुली प्रतिक्रिया की वजह से ऐसा हुआ है।
केंद्र सरकार नें डीजल और पेट्रोल की कीमतों के बारे में कहा है कि वह सरकार टैक्स में किसी प्रकार की कटौती नहीं करेगी क्योंकि उसे उस पैसे को विकास के कार्यों में लगाना है।
इसके अलावा कुछ राज्यों नें टैक्स कम जरूर किया है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल नें अपने हिस्से के टैक्स में कटौती की है, जिससे कीमतों पर काबू पाया जा सके।
कल बुधवार को रुपए नें 0.7 फीसदी की मजबूती पाते हुए डॉलर के मुकाबले 71.69 पर बंद हुआ था। इससे पहले हालाँकि रुपया अपने ऐतिहासिक नीचे स्तर पर पहुँचते हुए 72.91 के आंकड़े पर पहुँच गया था।