Thu. Dec 19th, 2024

    आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए अमेरिकी प्रशासन द्वारा पाकिस्तानी सेना को दी जानेवाली वार्षिक आर्थिक मदत में करीब 300 मिलियन अमेरिकन डॉलर्स की कटौती करने का निर्णय, वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने लिया हैं। इस निर्णय की जानकारी अमेरिकन सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पइओ ने पत्रकारों को दी हैं।

    सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट माइक पोम्पइओ, पाकिस्तान का आधिकारिक दौरा करेंगे। इस दौरे में उनके साथ चेयरमैन ऑफ़ जॉइंट चीफ ऑफ़ स्टाफ- जनरल जोसेफ डनफोर्ड और अन्य उच्च स्तरीय अधिकारी भी होंगे।

    पाकिस्तान में जुलाई में चुनाव होने के बाद पहली बार, सेक्रेटरी पोम्पइओ पीएम इमरान खान से द्वीपक्षीय चर्चा करेंगे। अपने इस्लामाबाद दौरे से पहले, पत्रकारों को संबोधित करते हुए सेक्रेटरी पोम्पइओ ने कहा, “उन्हें (पाकिस्तान) इस साल आर्थिक मदत नहीं किए जाएगी, यह बात तो साफ़ हैं। उनकी तरफ से जिस कार्यवाही की उम्मीद की जा रही थी। उस विषय में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं देखि गई हैं।”

    “इस यात्रा का मुख्य हेतु यही हैं की, उन्हें बताना की हम क्या चाहते हैं। अगर आतंकवाद विरोधी गतिविधियों से निपटने के विषय में सहमती नहीं बनती हैं, तब उन्हें बताना की हम क्या कर सकते हैं इस समस्या से निपटने के लिए”

    सेक्रेटरी माइक पोम्पइओ ने कहा, “यह पाकिस्तान के लिए कुछ नयी बात नहीं हैं।”

    “पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान के अखबारों में यह बात मुख्य हैडलाइन की रूप में बनी रहीं। मगर यह तो पिछले साल ही स्पष्ट हो चूका था की पाकिस्तान को दी जानेवाली मदत में कटौती की जाएगी।”

    पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधान मंत्री इमरान खान की साथ द्वीपक्षीय मुलाकात के विषय में बात करते हुए सेक्रेटरी पोम्पइओ ने कहा की वे नयी शुरुवात कर सकते हैं।

    उन्होंने कहाँ, “हम चाहते हैं, की पाकिस्तान, अफगानिस्तान में अमेरिका और अन्य देशो द्वारा किए जा रहे शांति प्रयासों में मदत करें। अफगानिस्तान में शांति बनी रहे यह बात पाकिस्तान की सीमा सुरक्षा के नजरिए से भी महत्वपूर्ण हैं।”

    अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जानेवाली मदत को क्या फिरसे बढ़ाया जा सकता हैं क्या? इस प्रश्न पर पोम्पइओ ने कहा, पाकिस्तान को दी जानेवाली मदत को फिरसे पूर्ववत किया जा सकता हैं।

    एक वरिष्ट अमेरिकन राजनयिक के अनुसार, “जिन प्रश्नों को सुलझाने के लिए पाकिस्तानी सेना को  आर्थिक मदत मुहैय्या करायी जा रही हैं। उस विषय में पाकिस्तान की ओर से किए गयी प्रगति असामाधानकारक हैं। और यह कारन, पाकिस्तान को दी जानेवाली मदत रोकने के लिए काफी हैं।”

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *