शिक्षा के क्षेत्र में भारत में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) निरंतर बदलाव करता रहा है जो कभी छात्रों के हित में होते है तो कभी खिलाफ भी।
हाल ही में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने अपने एक नए प्रावधान में कहा था कि कक्षा 1 और 2 के विद्यार्थियों के लिए नो होमवर्क पालिसी अपनाई जाएगी यानी उन्हें स्कूल की तरफ से कोई भी ग्रह कार्य नहीं मिलेगा।
परन्तु अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नए प्रावधान निकालते हुए 10वीं और 12वीं क्लास के प्रश्नपत्र में बड़ा फेरबदल करने की घोषणा करी है। हालाँकि यह योजना 2020 में लागू करने की कवायद चल रही है।
इस योजना के अंतर्गत सीबीएसई वोकेशनल सब्जैक्ट के टेस्ट पैटर्न और रिज़ल्ट घोषित करने की प्रकिया में बड़े बदलाव करने जा रहा है। इसके साथ-साथ वह छात्रों के सवाल पत्र में भी कई तरीके से बदलाव कर रहा है। जैसे क्वेस्चन पेपर अब प्रॉब्लम सॉल्विंग और विश्लेषणात्मक पैटर्न के होंगे एवं क्वेश्चन पत्र में अब शॉर्ट क्वेस्चन ज़्यादा होंगे।
मानव संसाधन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘बदले हुए क्वेस्चन पेपर प्रॉब्लम सॉल्विंग मोड के होंगे। 1 से 5 मार्क्स के छोटे प्रश्न ज़्यादा होंगे।
ज़्यादा फोकस इस बात पर होगा कि छात्रों की लर्निंगप्रॉसेस और उनकी सोचने की क्षमता का आकलन किया जा सके ताकि उनका मानसिक विकास सही स्तर पर हो। कोशिश रहेगी कि छात्रों को रटकर ज़्यादा नंबर लाने की प्रक्रिया पर पाबंदी लगे।’
इसके द्वारा सीबीएसई छात्रों की क्रिटिकल थिंकिंग अबिलिटी पर ध्यान केंद्रित करने पर ज़ोर देगा। इससे एक बात तो साफ़ हो गई है इस बदलाव से छात्रों को अब 95% अंक लाने के लिए खासी मेहनत करनी होगी क्योंकि इन बदलावों के बाद क्वेश्चन पेपर की कठनाई बढ़ेगी। हालाँकि अभी इसमें खासा समय लगेगा इसे लागू करते करते 2020 तक का समय लग जाना है।