Sat. Nov 23rd, 2024
    कंप्यूटर नेटवर्क में ARP protocol in hindi

    विषय-सूचि

    ARP क्या है? (arp protocol in hindi)

    अधिकतर कंप्यूटर प्रोग्राम या फिर एप्लीकेशन मैसेज को भेजने और प्राप्त करने के लिए लॉजिकल एड्रेस (IP एड्रेस) का प्रयोग करते हैं।

    लेकिन असल में ये सारा संचार फिजिकल एड्रेस यानी कि मैक एड्रेस पर होता है जो कि OSI (ओपन सिस्टम इंटरकनेक्शन) का दूसरा लेयर है।

    हमारा लक्ष्य यही होता है कि डेस्टिनेशन का मैक एड्रेस प्राप्त करें जो कि बांकी के डिवाइस से संचार करने में मदद करता है। यहीं पर ARP का कांसेप्ट आता है।

    इसका सबसे प्रमुख फंक्शन यही है कि ये IP एड्रेस को फिजिकल एड्रेस में ट्रांसलेट करता है।

    ARP यानी कि एड्रेस रिजोल्यूशन प्रोटोकॉल डाटा लिंक लेयर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है। आइये अब हम देखते हैं कि आखिर ये ARP कार्य कैसे करता है।

    ARP का कार्य (work of arp in networking in hindi)

    कल्पना कीजिये कि एक डिवाइस इन्टरनेट पर किसी और डिवाइस से कनेक्ट होना चाहता है। अब ARP क्या करेगा? ये पैकेट्स को सोर्स नेटवर्क के सारे डिवाइस में ब्रॉडकास्ट कर देगा।

    अब नेटवर्क के सारे डिवाइस डाटा लिंक लेयर के हेडर को प्रोटोकॉल डाटा यूनिट यानी कि PDU से peel करेंगे। अब ये फ्रेम और पैकेट को नेटवर्क लेयर को ट्रान्सफर कर देगा जो कि OSI का तीसरा लेयर होता है।

    वहां पर पैकेट की नेटवर्क ID की डेस्टिनेशन नेटवर्क के IP एड्रेस से जांच की जाएगी और अगर दोनों बराबर हुए तो ये डेस्टिनेशन के मैक एड्रेस के साथ सोर्स को जवाब भेजेगा।

    अगर ऐसा नहीं हुआ तो पैकेट नेटवर्क के गेटवे तक पहुंचेगा और पैकेट को जिन डिवाइस से वो कनेक्टेड है उन सब को ब्रॉडकास्ट कर देगा। साथ ही उन सब के नेटवर्क ID की भी जांच करेगा।

    ये प्रक्रिया नेटवर्क के अंदर अंत से दूसरे डिवाइस तक चलती रहेगी ताकि ये डेस्टिनेशन तक पहुँच जाये। उसके बाद ARP डेस्टिनेशन के मैक एड्रेस के साथ respond करेगा।

    ARP से सम्बन्धित कुछ जरूरी परिभाषाएं

    ARP से सम्बन्धित कुछ जरूरी परिभाषाएं निम्नलिखित है:

    1. ARP Cache: मैक एड्रेस को रेसोल्वे करने के बाद ARP इसे सोर्स को भेज देता है जहां पर वो इसे भविष्य के काम के लिए सुरक्षित रख लेता है। उसके बाद लगातार संचार के लिए टेबल में से मैक एड्रेस का प्रयोग कर सकते हैं।
    2. ARP Cache Timeout:  ये उस समय के अंतराल को दर्शाता है जबतक ARP cache में मैक एड्रेस रह सकता है।
    3. ARP request: इसका अर्थ हुआ किसी पैकेट को नेटवर्क पर ब्रॉडकास्ट करना जिस से ये पता चले कि वो डेस्टिनेशन मैक एड्रेस से आया भी है या नहीं।
    4. ARP response: ये एक मैक एड्रेस रिस्पांस है जो कि सोर्स डेस्टिनेशन से प्राप्त करता है और उसके बाद ये आगे के डाटा के कम्युनिकेशन के लिए जुड़ जाता है।

    ARP की प्रक्रिया (process of arp in hindi)

    अब जो हम प्रक्रिया बताने जा रहे हैं उसे आप खुद से भी कर के और ARP को समझ सकते हैं। यहाँ हम बिखुल सरल शब्दों में उदान्रण देकर इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

    • दो PC मान लीजिये जो कि A और B है, उन्हें क्रॉस केबल की मदद से कनेक्ट करें।अब इन कमांड को टाइप करें ताकि आप ARP की प्रक्रिया देख सकें:
    1. A > arp -a

    अभी टेबल में कोई एंट्री नही होगी। ऐसा इसीलिए क्योंकि अभी तक दोनों कंप्यूटर ने आपस में कम्यूनिकेट ही नहीं किया है।

    2. A > ping 192.168.1.2
    
    IP address of destination is 192.168.1.2
    Reply comes from destination but one packet is lost because of ARP processing.
    

    अब अगर आप कमांड को टाइप करते हैं तो ARP कि सारी एंट्री को द्रेख सकते हैं। इसके बाद ARP टेबल आपके सामने स्क्रीन पर कुछ ऐसा दिखेगा:

    इस तरह आप उपर दी गई परिभाषाओं द्वारा इन सबका मतलब समझ सकते हैं।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *