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    कंप्यूटर नेटवर्क goals और क्राइटेरिया computer network goals in hindi

    विषय-सूचि

    नेटवर्क गोल्स क्या है? (network goals in hindi)

    कंप्यूटर नेटवर्क का मतलब हुआ ऑटोनोमस कोम्पुतेर्स का एक ऐसा जाल या इंटरकनेक्शन जिसका प्रयोग सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किया जाता है।

    इन सब को जोड़ने के लिए जिस माध्यम का प्रयोग किया जाता है वो कोम्प्पेर का टाक हो सकता है या फिर ऑप्टिकल फाइबर, माइक्रो वेव या satellite नही हो सकता है।

    कंप्यूटर नेटवर्क में निम्नलिखित नेटवर्किंग एलेमेंट्स होते हैं जो आपको जानने जरूरी हैं:

    • कम से कम दो कंप्यूटर तो होने ही होने चाहिए।
    • संचार का माध्यम वायर यानी कि तार द्वारा या फिर उसके बिना भी हो सकता है।
    • कुछ ऐसे प्रोटोकॉल्स यानी कि रूल्स भी होते हैं जो कि इस पूरे सिस्टम और उनके काम-काज को गोवेर्न करते हैं।
    • नेटवर्क ऑपरेटिंग सिस्टम की तरह नेटवर्क सॉफ्टवेर का होना भी जरूरी है।कंप्यूटर नेटवर्क्स के goals क्या हैं?

    नेटवर्किंग क्राइटेरिया कौन कौन से हैं? (network criteria in hindi)

    कंप्यूटर नेटवर्क को हमेशा कुछ क्राइटेरिया को फॉलो करना पड़ता हैं जिनकी चर्चा नीचे कि गई है:

    • परफॉरमेंस– किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क के परफॉरमेंस को दो चीजों के रूप में मापा जाता है- ट्रांजिट टाइम और रिस्पांस टाइम। ट्रांजिट टाइम का मतलब हुआ कि कोई सूचना एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक पहुँचने में कितना समय लेती है। वहीं रिस्पांस टाइम का मतलब हुआ इन्क्वायरी और रिस्पांस के बीच का समय

    किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क का परफॉरमेंस इन चीजों पर निर्भर करता है:

    1. उपयोगकर्ताओं कि संख्या।
    2. ट्रांसमिशन यानी कि संचार के माध्याम का प्रकार।
    3. कनेक्ट किये गये नेटवर्क की क्षमता।
    4. जो सॉफ्टवेर को प्रयोग में लाया जा रहा है उसकी गुणवत्ता।
    • रेलिअबिलिटी (Reliability)– इसे इन तीन चीजों के रूप में मापा जाता है:
    1. नेटवर्क के फ़ैल होने कि फ्रीक्वेंसी।
    2. उन failures से रिकवर होने कि क्षमता।
    3. catastrophe के समय दिखने वाला robustness.
    • सिक्यूरिटी– सिक्यूरिटी का कंप्यूटर नेटवर्किंग में सबसे सरल अर्थ हुआ किसी भी अनधिकृत व्यक्ति या सिस्टम को डाटा को एक्सेस करने से रोकना।

    कंप्यूटर नेटवर्क के गोल्स: (computer network goals in hindi)

    अब हम बात करेंगे कि कंप्यूटर नेटवर्क के कौन-कौन से goals यानी कि लक्ष्य होते हैं। इसके कुछ महत्वपूर्ण goals को हम नीचे लिस्ट कर रहे हैं:

    • रिसोर्स शेयरिंग: बहुत सारी ऐसी संस्थाएं होती है जहां बहुत सारे कंप्यूटर होते हैं और उनमे से कुछ बहुत दूर-दूर भी होते हैं। हो सकता है कि सारे एक जगह नहीं हों। जैसे मान लीजिये किसी दफ्तर के सभी कर्मचारी एक ही फैक्स मशीन, प्रिंटर, मॉडेम या फिर स्पीकर इत्यादि का प्रयोग कर रहे हों। ये भी कंप्यूटर नेटवर्किंग कि रिसोर्स शेयरिंग की  क्षमता की बदौलत ही संभव है।
    • हाई रेलिअबिलिटी: अगर सप्लाई के और नये भी सोर्स हैं तो सभी फाइलों को दो मशीनों में ही रेप्लिकेट किया जा सकता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अगर हार्डवेयर के फ़ैल होने की वजह से एक मशीन उपलब्ध नही है तो दूसरे को प्रयोग में लाया जा सकता है।
    • इंटर-प्रोसेस कम्युनिकेशन: नेटवर्क को प्रयोग करने वाले लोग, जो कि भौगोलिक तौर पर दूर-दूर बैठे हुए हैं वो भी नेटवर्क की मदद से एक-दूसरे से संचार कर सकते हैं। इसके लिए जो सबसे जरूरी चीज है वो है एरर फ्री कम्युनिकेशन जिसका मतलब हुआ ऐसा संचार सिस्टम जिसमे गलतियों की गुंजाइश ना के बराबर हो।
    • फ्लेक्सिबल एक्सेस: फाइल को नेटवर्क के अंदर किसी भी कंप्यूटर से एक्सेस यानी कि देखे, एडिट किये जाने और सुएरक्षित किये जाने कि क्षमता को ही फ्लेक्सिबल एक्सेस का नाम दिया गया है। जैसे कि प्रोजेक्ट को बनाना एक कंप्यूटर में शुरू किया गया ऐसा संभव हो सकता है कि उसे पूरा किसी दूसरे कंप्यूटर में किया जाए।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

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