कर्नाटक में राजनीति इन दिनों उफान पर है। लोक सभा चुनाव सर पर हैं और कोई भी दल एक दूसरे को नीचे दिखने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहा है।
अभी हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अपनी पार्टी मीटिंग में गठबंधन को विष का प्याला बोलते हुए भावुक हो गए थे।
उनके इस हाव भाव पर विपक्षी दलों ने उनकी चुटकी ली। भारतीय जनता पार्टी ने तो इसे नाटक करार करते हुए मुख्यमंत्री से इस्तीफे की ही अपील कर दी।
इसके तुरंत बाद कुमारवामी को लेकर तमाम दलों से प्रतिक्रिया आने लग गई। कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर सफाई भी दे दी।
बता दे कि कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल था परन्तु कांग्रेस ने जनता दल सेक्युलर के साथ गठबंधन कर वहां सरकार का गठन कर लिया।
परन्तु एक बार फिर से कुमारस्वामी चर्चा में आ गए हैं। अब कि बार मुद्दा उत्तरी कर्नाटक को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर है।
उत्तर कर्नाटक को अलग राज्य बनाने के लिए उठ रही मांगों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने इसके लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया है।
अपने ब्यान में कुमारस्वामी ने कहा कि, ‘आप मुझे लगातार केवल 4 जिलों का मुख्यमंत्री करार दे रहे हैं। राज्य के कुल बजट 2,18,000 का केवल 514 करोड़ रुपये ही मैंने इन जिलों को दिया है। यह कहां बहुत ज्यादा है?’
उन्होंने कहा, ‘मीडिया बिना किसी वजह के आग भड़का रहा है जबकि उत्तरी कर्नाटक की जनता सरकार के साथ है। अगर कुछ होगा तो आप लोग इसके लिए जिम्मेदार होंगे।’
बता दे कि थोड़े दिनों पहले भाजपा के एक विधायक ने इस बात को उठाते हुए उत्तर कर्नाटक को अलग राज्य बनाने की मांग करने वालों का समर्थन करते हुए कहा था कि, “यदि उत्तर कर्नाटक के साथ अन्याय किया गया तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम उत्तर कर्नाटक के विधायकों से चर्चा कर रहे हैं। बस इंतजार करिए और देखिए, हम आगे क्या करते हैं। अलग तेलंगाना की तरह यह आंदोलन भी एक बड़ी क्रांति होगा’ परन्तु इसके बाद वो अपने ब्यान से पलट गए थे।