लोक सभा चुनाव नज़दीक हैl इसी के मध्यनजर तमाम राजनैतिक दल इन दिनों पूरी जी जान लगाकर राज्य के कामो में लगे हुए हैl पश्चिम बंगाल में भी यही हाल हैl
तृणमूल कांग्रेस कि अध्यक्ष एवं राज्य कीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों राज्य के नामकरण में व्यस्त हैl इसी को लेकर हाल ही में विधान सभा में उन्होंने राज्य के नए नाम का प्रस्ताव रखा जिसे लगभग सभी विपक्षी दलों का साथ मिलाl
इस प्रस्ताव के तहत ममता बनर्जी ने राज्य क लिए “बांग्ला” नाम सुझायाl इसके बाद इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास पूर्वालोकन के लिए भेजा गया परन्तु केंद्र सरकार ने इसमें संविधान में संशोधन का हवाला देते हुए कहा कि अभी इसमें समय लगेगाl
बता दे कि, ममता बनर्जी इससे पहले भी राज्य का नाम बदलने कि कवायद कर चुकी हैl
2016 में पारित प्रस्ताव में पश्चिम बंगाल का नाम बांग्ला भाषा में बांग्ला, हिंदी में बंगाल और अंग्रेजी में बेंगाल रखा गया था, लेकिन इसके बाद नामों में एकरूपता नहीं होने के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए एक ही नाम रखने का सुझाव दिया.
इसके बाद उन्होंने केंद्र को सर्वसम्मति के बाद “बांग्ला” नाम सौंपाl नाम बदलने का एक कारण यह भी है कि ममता बनर्जी को गणतंत्र दिवस और बैठकों में राज्य के नाम पर आखरी अवसर मिलता था और तो और कभी कभी वो भी नहीं मिलता थाl
पश्चिम बंगाल का वर्णमाला क्रम में नाम डब्ल्यू से शुरू होता है इसी के चलते उन्हें हमेशा से आखरी अवसर मिलता थाl परन्तु बांग्ला नाम पड़ जाने से पश्चिम बंगाल अब सीधा ऊपर पहुँच जाएगा एवं चौथे पायदान पर आएगाl पिछली बार 2011 में किसी राज्य का नाम बदला गया था.
उस समय उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा किया गया थाl इससे पहले 1995 में बम्बई का नाम बदलकरमुम्बई , 1996 में मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई और 2001 में कलकत्ता को कोलकाता किया गया थाl