भारतीय राजनीति में एक आंदोलनकारी नेता के रूप में चमके पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल इन दिनों मुश्किलो में फसते नज़र आ रहे है।
2015 के विसनगर दंगा केस में बुधवार को विसनगर की एक सत्र अदालत के न्यायाधीश वी. पी. अग्रवाल ने हार्दिक पटेल और उनके दो साथियों लालजी पटेल और ए. के. पटेल को दंगा भड़काने, आगजनी करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने से जुड़ी धाराओं के तहत दोषी पाया है।
बता दे कि 2015 में हार्दिक पटेल ने पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल था उसी के तहत ऐसी ही एक रैली ने उग्र हो कर आगजनी एवं तोड़फोड़ करी थी।
इसी भीड़ ने मीडिया वालों से भी मारपीट करी थी। इसी के बाद विसनगर की अदालत में हार्दिक पटेल और इस आंदोलन के अन्य साथियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
हार्दिक पटेल बहुत ही जल्द भारतीय राजनीति में उभर कर निकले है। अभी हाल ही में उन्होंने गुजरात चुनाव में भी भाग लिया था जिसमे उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला किया था।
परंतु विधान सभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा और अब इस मुश्किल का। इस फैसले के बाद हार्दिक पटेल के असमर्थक अब उनकी आलोचना करने का बिलकुल मौका नहीं छोड़ेंगे क्योंकि कोर्ट का यह फैसला ठीक लोक सभा चुनावों से पहले आया है।
इस फैसले के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, “सामाजिक न्याय और सामाजिक अधिकार के लिए लड़ना अगर गुनाह हैं तो हाँ मैं गुनहगार हूँ। सत्य और अधिकार की लड़ाई लड़ने वाला अगर बाग़ी है तो हाँ मैं बाग़ी हूँ। सलाखों के पीछे सत्य,किसान,युवा और ग़रीबों के लिए लड़ने वाली मेरी आवाज़ को भाजपा की हीटरलशाही सत्ता नहीं दबा सकती।”
https://twitter.com/HardikPatel_/status/1022017102037872646?s=20