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    cryptography in hindi

    विषय-सूचि

    क्रिपटोग्राफी क्या है? (cryptography in hindi)

    क्रिपटोग्राफी सुरक्षित संप्रेषण के लिए काम में ली जाती है। जैसे कई बार ऍड वगैरा में वाइरस आदि आते हैं इस वजह से हमें इसकी काफी जरूरत पड़ती है। इंक्रिप्शन एक एल्गॉरिथ्म का इस्तेमाल करता है जिससे की इनपुट को इंक्रिपटेड आउटपुट में बदला जा सके।

    एल्गॉरिथ्म को भी हमारे सिस्टम के लिए सुरक्षित माना जाता है क्योंकि अगर कोई वाइरस का हमला करने वाला हमारे सिस्टम को नहीं समझ सके तब यह उस समय हमारे लिए काफी उपयोगी होता है। हमलावर को कभी भी आपके सिस्टम के बारे में समझ नहीं आना चाहिए नहीं तो यह उतना उपयोगी नहीं हो पाएगा।

    क्रिपटोग्राफी में कुछ शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है वह हैं –

    1. प्लेन टेक्स्ट – मूल डाटा या फिर संदेश को एल्गॉरिथ्म की मदद से संदेश का इनपुट दिया जाता है।
    2. इंक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म – इंक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म एक प्रकार की एल्गॉरिथ्म है जो की काफी तरह से और काफी भागों में प्लेन टेक्स्ट को बदलने में हमारी मदद करती है। साइफर टेक्स्ट को प्लेन टेक्स्ट में बदलने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
    3. साइफर टेक्स्ट – साइफर टेक्स्ट को संदेश में से इंक्रीप्ट किया जाता है। यह एक तरह का स्क्रेम्बल्ड संदेश है जो की आउटपुट के माध्यम से निकाला या फिर बनाया जाता है।
    4. डीक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म – इस कार्य में साइफर टेक्स्ट को प्लेन टेक्स्ट में बदला जाता है। इसी कार्य को हम डीक्रिप्शन के नाम से जानते हैं। इंक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म को उल्टी तरह से चलाने को ही हम इंक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म बोलते हैं। यह साइफर टेक्स्ट और चाबी को लेता है और एक प्लेन टेक्स्ट को बना देता है जिससे हमें इसे चलाने में आसानी हो।
    5. चाबी (key) – यह इंक्रिप्शन एल्गॉरिथ्म के इनपुट की तरह भी काम करता है। इसी की मदद से किसी डाटा में सविकार और बदलाव किया जाता है।             
    सीमेट्रिक और असीमेट्रिक क्रिप्टोग्राफी में क्या अंतर होता है? (symmetric and asymmetric cryptography in hindi)

    सीमेट्रिक क्रिप्टोग्राफी में इंक्रिप्शन और डिक्र्यप्शन के लिए एक ही चाबी का इस्तेमाल किया जाता है। संदेश भेजने वाले के पास एक शेयर वाली चाबी होती है जो की दोनों में काम आती है। चाबी को बाँटना एक बढ़ा ही टेढ़ा काम है और यह असीमेट्रिक क्रिप्टोग्राफी में भी काम आती है।

    असीमेट्रिक क्रिप्टोग्राफी में दो चाबी इस्तेमाल होती हैं इंक्रिप्शन और डिक्र्यप्शन के लिए। हर किसी उपयोगकर्ता के पास दो चाबी होती हैं। असीमेट्रिक क्रिप्टोसिस्टम में इस्तेमाल करने के लिए जो चाबियाँ होती है वह हैं पब्लिक चाबी और प्राइवेट चाबी। प्राइवेट चाबी को छुपाके रखा जाता है जिससे की यह मुफ्त में हर किसी को नहीं मिल सके।

    पब्लिक चाबी से किये गए डाटा के एंक्रिप्शन को उसके मतलब वाली प्राइवेट चाबी से ही खोला जाता है। कोई भी डाटा जोकि सुरक्षित रखा जाता है वह इंक्रिप्शन और डिक्र्यप्शन की मदद से ही प्रभावी रूप से काम कर पाता है। सीमेट्रिक काफी तेज़ होती है जो की ज्यादा मात्रा वाले डाटा को एंक्रिप्शन करने में काम आती है।

    असीमेट्रिक क्रिप्टो सामान्य रूप से इंक्रिप्शन चाबी को ज्यादा डाटा इंक्रीप्ट करने में मदद करता है। डिजिटल हस्ताक्षरों, असीमेट्रिक क्रिप्टो को हम पूरे संदेश की जगह हेश संदेश में इस्तेमाल करते हैं।

    क्रिप्टोसिस्टम, क्रिप्टोग्राफिक काम जैसे की पीढी, स्टोरेज का बदलाव, निरसन, और प्रतिस्थापन आदि में इस्तेमाल होते हैं।

    क्रिप्टोग्राफी का कार्य (function of cryptography in hindi)

    एक सुरक्षित सिस्टम काफी तरह के आश्वासन देता है जैसे की गोपनीयता, वफादारी, और डाटा की उपलब्धि जिससे की उस डाटा की विश्वसनीयता और अप्रत्याख्यान में यह मदद करता है। जब भी क्रिप्टो को सही से इस्तेमाल किया जाता है तब यह इस सब काम को सही से करने में हमारी मदद करता है। यह संदेश भेजने वाले और संदेश पाने वाले डाटा को सुरक्षित रखने में हमारी मदद करता है। सॉफ्टवेयर सिस्टमों में काफी एंड पॉइंट होते हैं और उसमें काफी सारे क्लाईंट भी होते हैं एवं एक और एक से ज्यादा बैक एंड सर्वर भी होते है। इस तरह यह क्लाईंट सर्वर संचार करने में हमारी मदद करते हैं नेटवर्क आदि के माध्यम से जिससे की हम सही से काम कर सकें। संचार पब्लिक नेटवर्क आदि की मदद से इंटरनेट से हमें वाइरस वाली चीजों से बचने में हमारी मदद करता है। जो नेटवर्क हमारे जानकार नहीं होते उनसे भी हमें बचाने का काम करता है। दो तरह के हमले सामान्य रूप से किये जाते हैं एक तो होता है पैसिव अटैक जिसमे नेटवर्क केवल नेटवर्क सेगमेंट को सुनने का काम करता है और सेनसिटिव सेगमेंट को भेजने में मदद करता है। पैसिव हमला ज़्यादातर ऑनलाइन और ऑफलाइन हमारे सिस्टम पर हमला करता है।

    डिस्क आदि के डाटा को भी यह सुरक्षित रखने में हमारी मदद करता है। वाइरस और मालेसियस जैसे फाइल आदि से भी हमें सुरक्षा देने में यह हमारी काफी मदद करता है।

    क्रिपटएनालिसिस (cryptanalysis in hindi)

    प्लेन टेक्स्ट को डिस्कवर करने के काम को हम क्रिपटएनालिसिस के नाम से जानते हैं। इंक्रिप्शन के लिए जिस रणनीति का इस्तेमाल किया जाता है वह उसकी प्रकृति पर और जो भी जानकारी दी गयी है उस पर निर्भर करती है।

    क्रिपटएनालिसिस यह छह तरह के काम करता है –

    • एक संदेश को तोड़ने के कोशिश।
    • इंक्रीपटेड संदेशों को पैटर्न की मदद से जानना जिससे की वह एक एल्गॉरिथ्म की मदद से आसानी से आगे बढ़ाए जा सकें।
    • इंक्रिप्शन को तोड़े बिना किसी चीज़ से इसका मतलब निकालना जैसे की किसी बिना मतलब की फ्रिक्वेंसि को संचार या संचार का छोटा या बड़ा होने की समीक्षा में हमारी मदद करता है।
    • किन्हीं संदेशों के कुछ छोटे भागों में तोड़ने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
    • सामान्य कमजोरी को तोड़ने के लिए एल्गॉरिथ्म की मदद से संदेश के माध्यम से इसका इस्तेमाल किया जाता है।

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