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    जीपीएस gps in hindi

    विषय-सूचि

    जीपीस की फुल फॉर्म (gps full form in hindi)

    जीपीएस एक शार्ट फॉर्म है, जिसका फुल फॉर्म ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (gps – global positioning system) है।

    यह एक ग्लोबल नेविगेशन सॅटॅलाइट सिस्टम है जिसका प्रयोग किसी भी चीज़ की पोजीशन को बताना होता है।

    जीपीएस क्या है? (what is gps in hindi)

    आप ने अक्सर अपने फ़ोन में जीपीएस का इस्तेमाल किया होगा। आप ये भी जानते भी होंगे ये आपकी पोजीशन बताता है? पर क्या इसके अतिरिक्त आप इसके बारे में कुछ जानते हैं। आज हम आपको जीपीएस के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

    इसका सबसे पहला उपयोग अमेरिका की डिफेन्स डिपार्टमेंट ने सेना के लिए शुरू किया था। आप को बता दे कि उस समय जीपीएस सिस्टम आम लोगों द्वारा इस्तेमाल नहीं किया जा सकता था। अगर कोई इसे इस्तेमाल करता तो यह गैर कानूनी कहलाता। लोगों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसे 1995 में सार्वजनिक उपयोग के लिए आज्ञा मिल गयी।

    satellite gps in hindi

    जीपीएस काम कैसे करता है? (working of gps in hindi)

    जीपीएस के काम करने के तरीके को समझने के लिए पहले आपको  ये जानना जरुरी है की आपका फोन किन किन चीज़ों से जुड़ा होता है।

    आपका फोन तीन चीज़ों से जुड़ा होता है तभी वो आपकी लोकेशन को बता पाता है।

    • जीपीएस सॅटॅलाइट (gps satellite)– आप को जान कर हैरानी हो सकती है कि एक जीपीएस चार सॅटॅलाइट से ज़ुडा हुआ होता है। ये सॅटॅलाइट ही आपकी पोजीशन को बताने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होती है। दरअसल यह आप के फ़ोन से भेजे गए सिग्नल के कोआर्डिनेट रिकॉर्ड कर लेती है।
    • ग्राउंड कण्ट्रोल स्टेशन (ground control system)– इसका उपयोग इसकी कार्यषाली को नियरिट या निगरानी के लिए किया जाता है। यह  सुनिश्चित करता है कि ऑर्बिट से सैटेलाईट्स के विचलन और साथ-साथ जीपीएस टाइमिंग टॉलरेंस लेवल के भीतर हैं।
    • जीपीएस रिसीवर (gps receiver)– यह रिसीवर कुछ और नहीं बल्कि आप के फ़ोन और आपकी गाड़ियां होती है जहाँ से जीपीएस का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    इसकी प्रक्रिया को समझने का प्रयास करतें है। हमारा फ़ोन या कोई भी गाडी जिससे आप जीपीएस का प्रयोग करना चाहते हो वो रिसवीर की तरह काम करता है।

    दरअसल यह पहले अपनी नजदीकी 4 सॅटॅलाइट से जुड़ता है और जुड़ने के साथ ही सॅटॅलाइट इसके कोआर्डिनेट को वापस फ़ोन तक भेज देती है, जिससे लोकेशन का पता चल जाता है।

    नैविगेशन कैसे होता है? (working of navigation in hindi)

    आप ऊपर ये समझ चुके है कि यह आपकी लोकेशन के कोऑर्डिनटस कैसे बताता है। पर कोआर्डिनेट तो एक ही जगह के होते है फिर यह नेविगेशन कैसे कर पता है?

    सबसे पहले आप नेविगेशन टर्म को अच्छे से जान लीजिये। नेविगेशन का मतलब होता है आपकी लोकेशन आप के साथ बदलती रहेगी। इसको सरल भाषा में समझने का प्रयास करते हैं। मान लीजिये आप किसी एक जगह से दूसरी जगह जाना चाहते हैं। आप इसके लिए किसी मैप की सहयता लेंगे। आप मैप में अपना स्टार्टिंग और एन्ड पॉइंट डाल देंगे। इसके बाद मैप आपको सबसे बेहतर रास्ता बता देगा। इस रस्ते पर जब आप चलना शुरू करेंगे तो एक नीला गोला भी आपके साथ चलेगा। जिससे आप को अपनी पोजीशन का पता रहे कि की आप कहाँ पर हैं।

    तो जीपीएस आपको फॉलो कैसे कर पाता है? इसके लिए मैप में हर सेकंड ऑटो रिफ्रेश का प्रयोग किया जाता है। जैसे ही आपकी पोजीशन  एक जगह से बदल कर दूसरी हो जाती है, सॅटॅलाइट उसी सेकंड नए कोआर्डिनेट आपको भेकज देता है जिससे आप को लगता है की ये आप के साथ ही चल रहा है।

    जीपीएस के उपयोग (gps uses in hindi)

    •  लोकेशन का पता लगाने के लिए:

    जीपीएस की सहायता से आप लोकेशन को ट्रैक करना बहुत ही आसान होता है। मान लीजिये आप एक ऐसी जगह जाना चाहते हैं जहाँ आप पहले कभी नहीं गए। ऐसे में नयी जगह का रास्ता और उसकी लोकेशन आप जीपीएस की मदद से जान सकते हैं। इसका उपयोग अपने दोस्तों को खोजने में भी किया जा सकता है अगर आप उनसे बिछड़ गए हैं।

    • पालतू जानवर को ढूंढने के लिए :

    आप ने देखा होगा लोग कभी कभी अपने पालतू जानवर को खो देते हैं या पालतू जानवर कभी कभी रास्ता भटक जाने के कारण घर से काफी दूर निकल जाते हैं। ऐसे में उनके गले के पट्टे  में आजकल ट्रैकर लगा दिया जाता है। इससे चाहे वो जहाँ भी हों उनके मालिक उन तक पहुँच ही जाते हैं।

    • चोरी से बचाव:

    अगर आपकी गाडी में जीपीएस लगा हुआ है तो ये आपकी गाडी को चोरी से बाचा सकता है। जीपीएस के द्वारा आपकी गाड़ी को ट्रेस किया जा सकता है अगर आपकी गाड़ी चोरी हो गयी है।

    • किसी दुर्घटना के वक्त :

    मान लीजिये आप किसी दुर्घटना या इमरजेंसी का शिकार हो गए हैं। ऐसे में आपको तुरंत मदद चाहिये होगी। इस हालत में आप इमरजेंसी नंबर डायल कर सकते हैं।  आपातकालीन दल आपकी लोकेशन को बिना दिये भी आप तक पहुँचने में सक्षम होंगे। दरअसल जब आप एमेरटजेन्सी नंबर डायल करते हैं उस वक़्त आपकी लोकेशन भी अपने आप उन तक पहुँच जाती है, और ये जीपीएस के कारण ही  हो पता है।

    •  ट्रैकिंग:

    अपने अक्सर देखा होगा कि चोर को पुलिस ट्रैक कर ढूंढ निकलती है। ऐसा इसलिए हो पता है की उनके किसी भी सामान पर ट्रैकर लगा दिया जाता है जिससे पुलिस को चोरों के लोकेशन की खबर मिलती रहती है।

    यदि जीपीएस से सम्बंधित आपका कोई सवाल या विचार जो आप शेयर करना चाहते हैं, उसे आप नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    4 thoughts on “जीपीएस क्या है? फुल फॉर्म, जानकारी”
    1. क्या जीपीएस की फुल फॉर्म यही होती है, जो आपने बताई है? ग्राफ़िक्स से सम्बंधित भी एक ऐसा ही टर्म होता है.

    2. If Any Person Is Do Wrong Speak And Bad Behave On Mobile.Than,How Trace To Other Person.

    3. आपने GPS के बारे में बहुत अच्छी information दी है..
      Thanks for sharing…

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