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    लंगर

    अमृतसर में स्थित राष्ट्रीय दरोहर स्वर्ण मंदिर में हर दिन 50000 से ज्यादा भगतों और आम जनता को मुफ्त खाना खिलाया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक़ जी.एस.टी. के आने से लंगर को सालाना 10 करोड़ से ज्यादा का नुकसान होने वाला है।

    जी.एस.टी

    आपको बता दें की देश में जी.एस.टी. लागू होने से हर तरह की चीज़ों के दाम बदल गए हैं। जहाँ अतिरिक्त टैक्स हटा दिए गए हैं, खाने की चीज़ें फिर भी महंगी हो गयी हैं। स्वर्ण मंदिर की लंगर खाने के लिए खाद्य पदार्थ हरयाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि प्रदेशों से खरीदते थे। ऐसे में नए दामों के आने से लंगर को साल में 10 करोड़ से ज्यादा का बोझ सहना पड़ेगा।

    लंगर सेवा एक सामजिक सेवा है। आपको बता दें की लंगर की सेवा को सिख समुदाय के संस्थापक गुरु नानक देव ने शुरू किया था। इसके शुरू करने के पीछे का मक़सद समाज में जाती भेद आदि को हटाकर समानता को बढ़ावा देना था। अब जी.एस.टी. के आने से इन सामजिक सेवा प्रदान करने वाली संस्थाओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।

    केंद्र के खाद्य मंत्री ने अपने बयां में कहा की, ‘पंजाब सरकार ने पहले एसजीपीसी को लंगर सेवा के लिए श्री दरबार साहिब, अमृतसर, श्री केशगढ़ साहिब, आनंदपुर और तलवंडी साबू भटिंडा से खरीदी जाने वाली सभी वस्तुओं को वैट से छूट दी थी। एसजीपीसी देशी घी, चीनी, दालों की खरीद पर हर साल 75 करोड़ रुपये खर्च करती है। लेकिन अब इन वस्तुओं के जीएसटी के अंतर्गत पांच से 18 फीसदी कर के दायरे में आने के कारण इनकी खरीद पर 10 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे।’

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।