विषय-सूचि
डीएनएस की फुल फॉर्म (dns full form in hindi)
डीएनएस की फुल फॉर्म होती है, डोमेन नेम सिस्टम (dns – Domain Name System).
डीएनएस की परिभाषा (dns definition in hindi)
परिभाषा – यह एक तरह से इंटरनेट की नंबर तालिका है जो की ऑनलाइन जानकारी को संभाल के रखता है। डीएनएस आईपी एड्रैस की मदद से डोमैन के नाम को बताता है जिससे की इंटरनेट की मदद से उसे ब्राउज़र में चलाया जा सके।
हर उपकरण जो इंटरनेट से जुड़ा हुआ है उसका का एक अलग आईपी एड्रैस होता है जो की दूसरे उपकरण को ढूंढने में मदद करता है। हमे हर आईपी एड्रैस याद नहीं रखना पड़े इसलिए हमें डीएनएस सर्वर की जरूरत पड़ती है।
डीएनएस कैसे काम करता है (working of dns in hindi)
डीएनएस में हमे होस्ट नाम की आवश्यकता पड़ती है जो की कम्प्युटर के आईपी एड्रैस को प्रभावी बनाने में मदद करता है। आईपी एड्रैस इंटरनेट पर हर उपकरण को दिया जाता है और उस उपकरण को चलाने के लिए हमे उस आईपी एड्रैस की जरूरत पड़ती है। जैसे की मान लीजिये एक घर पर जाने के लिए हमें उसके पते की जरूरत होती है ऐसे ही किसी भी उपकरण को चलाने के लिए हमे उसके आईपी एड्रैस की जरूरत होती है।
जब भी किसी उपयोगकर्ता को वेबपेज चलाना होता है तो वह यह देखता है की उपयोगकर्ता किस तरह का एड्रैस उसमें लिख रहा है और किस तरह की वेबसाइट उसके द्वारा खोली जा रही है।
डीएनएस के काम को जानने के लिए हमें जरूरत होती है की हम पहले यह जाने की वह किन हार्डवेयरों के बीच काम कर रहा है।
वेब पेज को चलाने के लिए जो डीएनएस सर्वर होते हैं वह हैं –
1. डीएनएस रीकरसर (DNS recursor) – रीकरसर एक तरह से लाइब्रेरियन का काम करता है। जैसे लाइब्रेरियन का काम लाइब्रेरी में किताबों को ढूँढना होता है उसी प्रकार डीएनएस रीकरसर का काम भी एप्स के द्वारा उपयोगकर्ता की सर्वर से संबंधित परेशानियों को वेब ब्राउज़र आदि की मदद से दूर करना होता है।
2. रूट नेमसर्वर (Root nameserver) – रूट सर्वर का काम मनुष्य द्वारा बनाए गए होस्ट नाम और आईपी एड्रैस के बारे में बताना है।
3. टीएलडी नेमसर्वर (TLD nameserver) – इसे हम टॉप लेवल डोमैन सर्वर भी बोलते हैं। यह नेमसर्वर किसी आईपी एड्रैस को ढूंढने के लिए एक तरह से अगला विकल्प ही होता है और उसे ढूंढने में काम आता है।
4. औथोरिटेटीव नेमसर्वर (Authoritative nameserver) – यह एक तरह से किताबों की रैक की डिक्शनरी की जैसे होता है जिसमे एक प्रमुख नाम को देखकर हम उसकी जानकारी का पता लगा सकते हैं। यह इस सर्वर की जानकारी के लिए उसका आखिरी पड़ाव है। यह डीएनएस रीकरसर की मदद से आईपी एड्रैस के बारे में जानकारी भी बताता है जिससे हम सही से काम कर सकें।
डीएनएस का कार्य (function of dns in hindi)
- कोई भी वेबसाइट को ब्राउज़र में चलाने के लिए हमें डीएनएस सर्वर की जरूरत पड़ती है।
- डीएनएस में मुश्किलों को पूरा करने के लिए हमे डीएनएस का रूट नेमसर्वर मदद करता है।
- रूट सर्वर उसके बाद टॉप लेवल डोमैन (TLD) पर काम करता है जो की डोमैन की जानकारी को अपने पास संग्रहीत रखता है।
- रेसोल्वर उसके बाद वेबसाइट को चलाने में मदद करता है।
- टीएलडी सर्वर उसके बाद डोमैन के आईपी एड्रैस को बताने का काम करता है।
- अंत में रीकरसीव रेसोल्वर की मदद से जो भी उपयोगकर्ता कमांड देगा उसको वह चलाने के लिए संकेत देगा ।
- आईपी एड्रैस जो भी होगा वह रेसोल्वर के पास नेमसर्वर की मदद से वापस आ जाएगा।
- डीएनएस सर्वर फिर वेब ब्राउज़र और आईपी एड्रैस की मदद से डोमैन को चला देगा और हम उसका परिणाम आसानी से देख पाएंगे।
- फिर ब्राउज़र एचटीटीपी की मदद से आईपी एड्रैस के द्वारा जो भी वेबसाइट होगी उसको चलाने में मदद करेगा।
- फिर ब्राउज़र में हम आसानी से जो भी वेबसाइट होगी उसे देख पाएंगे।
डीएनएस से सम्बंधित यदि आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे लिख सकते हैं।
Dns kya hh
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