विषय-सूचि
फ़ायरवॉल क्या है (what is firewall in hindi)
जैसा की हमें पता है इंटरनेट एक खतरनाक जगह है। इंटरनेट के अपराधी अपने आप को कम्प्युटर के पीछे छुपाने की क्षमता रखते हैं और यह भी कह सकते हैं की दूसरे लोगों के कम्प्युटर के पीछे छुपने की क्षमता रखते हैं, यह वह तब करते हैं जब वह हमारे कम्प्युटरों से कुछ प्राइवेट चेज़ तोड़ने या फिर इन्फॉर्मेशन आदि चुराने का प्रयास करते हैं।
इस बात को और बेकार बनाने के पीछे हमारे कम्प्युटर के सॉफ्टवेयर या फिर ऑपरेटिंग सिस्टम में सुरक्षा की कमी का हाथ होता है क्यूंकी जब उनही मे कुछ प्राब्लम होती है तभी हमारी सिस्टमों की हैक होनी की क्षमता बढ़ती है।
इस तरह की तकलीफ़ों से बचने के लिए हमारे पास सिर्फ एक ही विकल्प होता है जिसे हम फ़ायरवॉल बोलते हैं। पुराने समय में फायरवाल बहुत ही महंगे हार्डवेयर होते थे जो की केवल कंपनीयाँ इस्तेमाल करती थी।
फ़ायरवॉल से सुरक्षा कैसे की जाती है (functions of firewalls in hindi)
पहले ज़्यादातर लोग इंटरनेट पर नहीं थे पर कुछ थे भी तो वह केवल डायल अप कनैक्शन इस्तेमाल करते थे जो की ज़्यादातर हैकर उसे हैक नहीं कर पाते थे। इसीलिए हैकरस केवल उन्हे कंपनीयों को टार्गेट करते थे जो बड़ी बेंड्विड्थ पर काम करती थी जिससे वो उसे हैक कर पाएँ। जैसा की हमें पता है आजकल लोग घरो में इंटरनेट काफी इस्तेमाल करते हैं।
इसलिए हैकर आजकल घरेलू कम्प्युटरों को निशाना बना रहे हैं ताकि वो आसानी से उन कम्प्युटरों को हैक कर सकें, क्योंकि उन्हे पता होता है की उनका कनैक्शन ज्यादा सुरक्षित नहीं होता इसे वो आसानी से हैक कर सकते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए डेवलपरस ने सस्ता और सुरक्षित फायरवाल बनाया है ताकि लोग अपने कम्प्युटरों को सुरक्षित रख सकें।
फ़ायरवॉल एक तरह का सॉफ्टवेयर है जो की एक फ़िल्टर का काम करता है। जैसे की हम जब भी इंटरनेट चलाते हैं तो यह ऐसी चीज़ों को ब्लॉक कर देता है जिनका कोई उपयोग नहीं है, या फिर जो खतरनाक हो सकती हैं कम्प्युटर के लिए जैसे की वाइरस वाली साइट आदि। अगर हम किसी साइट को खोलते हैं तो केवल वही साइट खुलेगी और किसी साइट को यह खुलने नहीं देगा, ताकि हमारा कम्प्युटर सुरक्षित रहे, अगर वह साइट फालतू के लिंक्स भेजेगी तो भी फायरवाल उसे खुलने से रोक लेगा।
फ़ायरवॉल एक तरह के हब की तरह होता है जिससे हम बहुत सारे कम्प्युटर एक ही कनैक्शन से जोड़ सकते हैं जिससे एक इंटरनेट कनैक्शन से सभी कम्प्युटर चल सकें। हर कम्प्युटर को एक आईपी एड्रैस द्वारा सुरक्षित रखा जाता है जो की फायरवाल का होता है जिसपे इंटरनेट द्वारा नहीं पहुंचा जा सकता यही हैकिंग से बचाता है। इस वजह से कोई भी बाहर की मशीन आपके कम्प्युटर को प्रभावित नहीं कर सकती।
एक पर्सनल फायरवेल एक तरह का सॉफ्टवेयर है जो की हर कम्प्युटर में पहले से सुरक्षित रूप से डला हुआ होता है। यह सॉफ्टवेयर फिर आने जाने वाले डाटा के ट्रेफिक को संभालता है और कोई भी असुरक्षित चीज़ को नहीं खोलता और केवल उसी डाटा को खोलता है जिसकी हम गुजारिश करते हैं।
पर्सनल फायरवाल समान्य फायरवाल से ज्यादा सक्षम होता है पर इसमे एक बात है जो की खटकती है, वह यह है की यह इंटरनेट कनैक्शन को बहुत सारे कनैक्शनों और कम्प्युटरों से शेयर नहीं कर सकता। सही तरह का फायरवाल इस्तेमाल करने के लिए हमे सोचना पड़ता है की हमे फायरवाल किस तरह के काम के लिए चाहिए। यदि आप केवल एक ही कम्प्युटर को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो पर्सनल फायरवाल ही आपके लिए काफी है।
यदि हमें बहुत सारे कम्प्युटरों को सुरक्षित करना होता है तब हमे फायरवाल का हार्डवेयर खरीदना पड़ता है, क्योंकि फिर यह हमारे लिए प्रभावी लागत का भी सौदा होता है। कुछ लोग यह भी बोलते हैं की आपको पर्सनल फायरवाल और हार्डवेयर वाला फायरवाल दोनों इस्तेमाल करने चाहिए जिससे आपका सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित रहे।
फ़ायरवॉल के फिचर (features of firewalls in hindi)
जब भी हम किसी फायरवाल को खरीदते हैं तो हम सबसे पहले उसके जो भी फीचर होते हैं उन्हे देखते है। उसके फीचर ही आपके कम्प्युटर को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। सबसे ज्यादा हमारे लिए जरूरी है की फायरवाल में सुरक्षा के लिए इन बाउन्ड और आउट बाउन्ड फिल्टरिंग हो और एप्लिकेशन सुरक्षा भी हो जिससे की हमारा कम्प्युटर सुरक्षित रहे।
इन बाउन्ड और आउट बाउन्ड फिल्टरिंग का मतलब यह होता है की यह हर जानकारी को ट्रैक करता है और फ़िल्टर करता है, जिससे कोई भी वाइरस या ऐसी चीज़ जो की कम्प्युटर को नुकसान पहुंचाए उससे हमे बचाता है। यह काफी फायरवाल स्पाइवेयर, हाइजेकर और अडवेयर आदि को ब्लॉक करने की क्षमता भी रखता है जिससे आपका कम्प्युटर सुरक्षित रहे। यह हमे काफी असुरक्षित फ़ाइलों और सॉफ्टवेयरों से सुरक्षित रखता है जो की हमारे कम्प्युटर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
नोटिफ़िकेशन का फीचर भी हमारे लिए महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उसी की वजह से हमे पता चलता है की हमारे कम्प्युटर पर कितनी बार हमला किया गया और हम इसे कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
फायरवाल की सेटिंग (settings of firewalls in hindi)
- यह ध्यान मे रख कर एप्लिकेशन बनाई जाती है की जिस भी कम्प्युटर में यह डाली जाएगी उसमे फायरवाल नहीं है जिससे की यह फायदा होगा की यह इसके प्रभाव को बदल नहीं सके।
- काफी समय यह भी होता है की हमारे फायरवाल इस्तेमाल करने की वजह से जो हम सॉफ्टवेयर इस्तेमाल कर रहे होते हैं वो सही से काम नहीं करते और चलने मे दिक्कत करते हैं।
- इस तरह के बदलावों को हम फायरवाल की सेटिंग में जाके बादल सकते हैं ताकि हम सॉफ्टवेयरों का आसानी से उपयोग कर पाएँ बिना किसी मुसीबत के।
- आप इंटरनेट पर जाके भी देख सकते हैं की फायरवाल की सेटिंग को कैसे बदला जाता है ताकि आप अपने सॉफ्टवेयर बिना किसी दुविधा के आसानी से उपयोग कर पाएँ।
कुछ प्रमुख फ़ायरवॉल (types of firewalls in hindi)
मुफ्त पर्सनल फायरवाल (free firewalls in hindi)
- एमसीसोफ्ट ऑनलाइन अरमोर फ्री
- आउटपोस्ट फायरवाल
- ज़ोनअलार्म फ्री
वाणिज्य पर्सनल फायरवाल (personal firewalls in hindi)
- मकैफे पर्सनल फायरवाल
- आउटपोस्ट फायरवाल प्रो
- ज़ोन अलार्म प्रो
निष्कर्ष:
इससे यह निष्कर्ष निकलता है की हमारे कम्प्युटर की सुरक्षा के लिए फायरवाल बहुत ही जरूरी होता है जिससे की हैकरस और वाइरस इसे नुकसान न पहुंचा सके।
हमें हमारे कम्प्युटर की सुरक्षा के लिए फायरवाल जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।
यदि फ़ायरवॉल या इससे सबंधित आपका कोई सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।