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    कौशल और ज्ञान किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए दो बड़े साधन हैं। जिन देशों में मन संसाधन के साथ कौशल और ज्ञान होता है, वे तेजी से आर्थिक तरक्की करते हैं।

    किसी भी देश के विकास के लिए युवा जनसँख्या सबसे महत्वपूर्ण भागीदार होती है। भारत भी इस दृष्टि से बहुत भाग्यशाली है। हमारे देश में एक बड़ा तबका 35 साल से कम उम्र का है, यानी हमारा देश एक जवान देश है।

    इस खूबी के कारण यह हमारे देश के लिए एक सुनहरा मौका है कि हम अपने आप को आने वाली वैश्विक परिस्थितियों के लिए तैयार करें और भारत को विश्वगुरु बनाने में भूमिका अदा करें।

    वर्तमान में हमारे देश में लगभग 60 करोड़ लोग 25 साल से कम उम्र के हैं। इतनी बड़ी संख्या देश को आर्थिक सर्वशक्ति बनाने में काफी है।

    यदि हमारा युवा कौशल होगा तो देश आगे बढेगा। इसी के मद्देनजर वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार नें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी।

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना क्या है?

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना भारतीय सरकार की एक पहल है, जिसे जरिये देश के युवा को कौशल प्रदान किया जाएगा, जिससे वह रोजगार पा सके और देश के आर्थिक विकास में अपनी आर्थिक भूमिका निभा सके।

    इस योजना के जरिये युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में पढ़ाई और कार्य का परिक्षण कराया जाएगा। इस ट्रेनिंग में निजी परिक्षण, व्यावहारिक ट्रेनिंग और अन्य प्रकार के कौशल से छात्र को परिपूर्ण कराया जाएगा।

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को कौशल विकास मंत्रालय नें आरम्भ किया था। इसका उद्देश्य देश के लगभग 2.4 करोड़ युवाओं को लाभ पहुँचाना है।

    इस स्किल ट्रेनिंग में राष्ट्रिय स्तर पर नियम बनाये जायेंगे और उन्हीं के आधार पर छात्रों को ट्रेनिंग दी जायेगी।

    इस ट्रेनिंग में यदि छात्र अच्छा कार्य करते हैं, तो उन्हें वित्तीय पुरुष्कार भी दिया जाएगा। एक औसत वित्तीय पुरुष्कार लगभग 8000 रूपए प्रति व्यक्ति होगा।

    मंत्रालय और इससे जुड़े कुछ संस्थानों नें विभिन्न क्षेत्रों में जरूरत पड़ने वाले कौशल की जांच की है। इसी की तर्ज पर युवाओं को ट्रेनिंग दी जायेगी। इसके लिए राष्ट्रिय, राज्य और अन्य विभिन्न क्षेत्रों से सलाह ली जायेगी और उसके आधार पर कार्य किया जाएगा।

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना को दरअसल सरकार की अन्य योजनाओं से भी जोड़कर कार्य किया जाएगा, जैसे मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान आदि।

    प्रधानमंत्री कौशल योजना मुख्य रूप से उन लोगों को परिक्षण देती है, जो अभी अभी कार्य प्रणाली से जुड़े हैं। इनमें मुख्य रूप से वे लोग हैं जो 10वी और 12वी पास हैं, लेकिन उससे आगे नहीं पढ़ें हैं।

    वर्तमान में भारत में करीबन 2300 प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के ट्रेनिंग सेंटर हैं, जिनसे लगभग 187 संस्थाएं जुड़ी हुई हैं। इनके अलावा केन्द्रीय और राज्य सरकारें भी इसमें भागीदारी दे रही हैं।

    जो भी युवा इस योजना से जुड़ना चाहते हैं, उन्हें एक निश्चित प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना कैसे कार्य करती है?

    इस योजना के तहत एक स्किल डेवलपमेंट प्रक्रिया शुरू की गयी है, जो युवाओं को कौशल प्रदान करती है और उनकी गतिविधि की जांच करती है।

    युवाओं और शिक्षकों की हाजरी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम और विडियो कालिंग आदि की सुविधा भी है।

    इसके अलावा युवाओं के पास फीडबैक देने के भी विकल्प होगा। इसके जरिये युवा अपने कार्य की खुद ही समीक्षा कर सकते हैं और कार्य के अनुसार विकास कर सकते हैं।

    सरकार नें इस योजना के लिए लगभग 1120 करोड़ रुपयों का आवंटन किया है।

    इस योजना के तहत लगभग 220 करोड़ रूपए छात्रों के कौशल को पहचानने और उन्हें जागरूक करने में लगेंगे।

    इसके लिए सरकार विभिन्न प्रकार के रोजगार मेले और कौशल विकास मेलों का आयोजन कर रही हैं। यहाँ युवाओं को उन्हें मिलने वाले अवसरों से जागरूक किया जाएगा और उन्हें इस योजना का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

    67 करोड़ रूपए छात्रों को परिक्षण देने वाले परीक्षकों के लिए खर्च किये जायेंगे।

    150 करोड़ रूपए सिर्फ उत्तर-पूर्वी राज्यों के युवाओं को शिक्षित करने में खर्च किये जायेंगे।

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के कुह तथ्य

    • यह योजना भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू की गयी योजना है।
    • इस योजना के तहत देश के लगभग 2 करोड़ से ज्यादा युवा लाभान्वित होंगे।
    • इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली सारी सुविधाएं सरकार द्वारा दी जायेंगी।
    • युवाओं को विभिन्न अवसरों के बारे में अवगत कराया जाएगा और उन्हें इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
    • जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न रोजगार मेलों का आयोजन किया जाएगा।
    • युवाओं को रोजगार के लिए ढेरों अवसर प्रदान किये जायेंगे।

    प्रधानमंत्री कौशल योजना के लिए कौन आवेदन कर सकता है?

    इस योजना से जुड़ने के लिए निम्न शर्तें पूरी करनी होंगी:

    • युवा एक बेरोजगार छात्र है जिसने स्कूल, कॉलेज छोड़ दिया हो।
    • युवा के पास एक अधिकारिक पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड और एक बैंक अकाउंट हो।

    योग्यता आदि के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आप प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के हेल्पलाइन नंबर 088000-55555 पर फोन कर सकते हैं। इसके अलावा आप [email protected] पर मेल भी कर सकते हैं।

    राशी आवंटन

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के लिए भारत सरकार नें 2016-2020 के बीच 12,000 करोड़ रुपयों का आवंटन किया है।

    इन पैसों को युवाओं को शिक्षित करने और देश में नए रोजगार पैदा करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

    प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की मुख्य बातें

    1. लघु अवधि प्रशिक्षण

    PMKVY प्रशिक्षण केंद्रों (TCs) में दिए गए अल्पावधि प्रशिक्षण से भारतीय राष्ट्रीयता के उम्मीदवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है जो या तो स्कूल / कॉलेज छोड़ने वाले या बेरोजगार हैं।

    नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा, TC कौशल, उद्यमिता, वित्तीय और डिजिटल साक्षरता में प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।

    प्रशिक्षण की अवधि प्रति कार्य भूमिका में भिन्न होती है, 150 और 300 घंटों के बीच। उनके मूल्यांकन के सफल समापन पर, उम्मीदवारों को प्रशिक्षण भागीदारों (टीपी) द्वारा प्लेसमेंट सहायता प्रदान की जाएगी।

    PMKVY के तहत, संपूर्ण प्रशिक्षण और मूल्यांकन शुल्क का भुगतान सरकार द्वारा किया जाता है। कॉमन नॉर्म्स के साथ संरेखण में टीपी को पेआउट प्रदान किए जाएंगे। योजना के लघु अवधि प्रशिक्षण घटक के तहत प्रदान की जाने वाली प्रशिक्षण एनएसक्यूएफ स्तर 5 और उससे नीचे होगी।

    2. पहले की सीख की मान्यता

    योजना के पूर्व अधिगम (आरपीएल) घटक की मान्यता के तहत पूर्व अधिगम अनुभव या कौशल वाले व्यक्तियों का मूल्यांकन और प्रमाणित किया जाएगा। RPL का उद्देश्य देश के असंगठित कार्यबल की दक्षताओं को NSQF में संरेखित करना है।

    परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियां (पीआईए), जैसे कि सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) या एमएसडीई / एनएसडीसी द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य एजेंसियां, किसी भी तीन प्रकार के प्रोजेक्ट्स (आरपीएल कैंप, आरपीएल, नियोक्ता परिसर और आरपीएल केंद्र) में आरपीएल परियोजनाओं को लागू करने के लिए प्रोत्साहित की जाएंगी। )। ज्ञान अंतराल को संबोधित करने के लिए, पीआईए आरपीएल उम्मीदवारों को ब्रिज कोर्स की पेशकश कर सकते हैं।

    3. विशेष परियोजनाएं

    पीएमकेवीवाई के विशेष परियोजना घटक एक ऐसे मंच के निर्माण की परिकल्पना करते हैं जो सरकारी क्षेत्रों, कॉर्पोरेटों या उद्योग निकायों के विशेष क्षेत्रों और/या परिसरों में प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा, और उपलब्ध योग्यता पैक (क्यूपी) / राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक (NOS) के तहत परिभाषित विशेष कार्य भूमिकाओं में प्रशिक्षण नहीं देगा।

    विशेष परियोजनाएं ऐसी परियोजनाएं हैं जिन्हें किसी भी हितधारक के लिए PMKVY के तहत लघु अवधि प्रशिक्षण के नियमों और शर्तों से कुछ विचलन की आवश्यकता होती है।

    एक प्रस्तावक हितधारक या तो केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी संस्थान (ओं) / स्वायत्त निकाय / सांविधिक निकाय या कोई अन्य समकक्ष निकाय या कॉर्पोरेट हो सकते हैं जो उम्मीदवारों को प्रशिक्षण प्रदान करना चाहते हैं।

    4. कौशल और रोज़गार मेला

    पीएमकेवीवाई की सफलता के लिए सामाजिक और सामुदायिक गतिशीलता अत्यंत महत्वपूर्ण है। समुदाय की सक्रिय भागीदारी पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है, और बेहतर कामकाज के लिए समुदाय के संचयी ज्ञान का लाभ उठाने में मदद करती है।

    इसके अनुरूप, पीएमकेवीवाई एक निर्धारित गतिशीलता प्रक्रिया के माध्यम से लक्षित लाभार्थियों की भागीदारी के लिए विशेष महत्व प्रदान करता है। टीपी प्रेस / मीडिया कवरेज के साथ हर छह महीने में कौशल और रोज़गार मेले का आयोजन करेगा; उन्हें राष्ट्रीय कैरियर सेवा मेले और ऑन-ग्राउंड गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने की आवश्यकता होती है।

    5. प्लेसमेंट दिशानिर्देश

    PMKVY बाजार में रोजगार के अवसरों और मांगों के साथ पैदा होने वाले कुशल कर्मचारियों की योग्यता, आकांक्षा और ज्ञान को जोड़ने की परिकल्पना करता है। योजना के तहत प्रशिक्षित और प्रमाणित उम्मीदवारों को नियुक्ति के अवसर प्रदान करने के लिए पीएमकेवीवाई टीसी द्वारा हर संभव प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। टीपी उद्यमिता विकास को भी सहायता प्रदान करेगा।

    6. निगरानी दिशानिर्देश

    यह सुनिश्चित करने के लिए कि पीएमकेवीवाई टीसीएस, एनएसडीसी और उच्चीकृत निरीक्षण एजेंसियों द्वारा गुणवत्ता के उच्च मानकों को बनाए रखा गया है, जैसे कि स्किल डेवलपमेंट मैनेजमेंट सिस्टम (एसडीएमएस) के माध्यम से स्व-ऑडिट रिपोर्टिंग, कॉल सत्यापन, आश्चर्य की यात्राएं और निगरानी जैसे विभिन्न तरीकों का उपयोग करेंगे। इन पद्धतियों को नवीनतम तकनीकों के जुड़ाव के साथ बढ़ाया जाएगा।

    कार्यान्वयन

    • इस योजना को राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के माध्यम से लागू किया जाएगा।
    • इसके अलावा, केंद्र / राज्य सरकार के संबद्ध प्रशिक्षण प्रदाताओं का उपयोग योजना के तहत प्रशिक्षण के लिए भी किया जाएगा।
    • सभी प्रशिक्षण प्रदाताओं को इस योजना के तहत भाग लेने के लिए योग्य होने से पहले SMART पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
    • प्रशिक्षण में सॉफ्ट स्किल्स, पर्सनल ग्रूमिंग, स्वच्छता के लिए व्यवहार परिवर्तन, अच्छे काम की नैतिकता शामिल होगी।
    • सेक्टर स्किल काउंसिल और राज्य सरकारें पीएमकेवीवाई के तहत होने वाले कौशल प्रशिक्षण की बारीकी से निगरानी करेंगी।

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    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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