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    श्रीलंका राष्ट्रपति

    श्रीलंकाई राष्ट्रपति के चीफ ऑफ़ स्टाफ आय.एच.के महानामा को 2 करोड़ श्रीलंकाई रुपये(84,82,924 भारतीय रुपए) की रिश्वत लेते वक्त के राजधानी कोलंबो एक होटल के कार पार्किंग में गिरफ्तार किया गया।

    श्रीलंका भ्रष्टाचार विरोधी आयोग(कमीशन टू इन्वेस्टीगेट ऍलिगेशन्स ऑफ ब्रैबरी) के अनुसार राष्ट्रपति सीरीसेना के चीफ ऑफ़ स्टाफ, महानामा को सरकरी जमीन प्राइवेट फैक्ट्री के लिए देने के एवज 2 करोड़ की रिश्वत भारतीय उद्योगपति से लेते हुए गिरफ्तार किया गया हैं।

    भारतीय उद्योगपति ने महानामा के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के पास दर्ज करायी थी। भारतीय उद्योगपति ने त्रिकोमली प्रान्त के कन्तले शुगर फैक्ट्री में निवेश किया हैं। महानामा, जो चीफ ऑफ़ स्टाफ बनाने से पूर्व भूमि मंत्रालय में सचिव थे।

    रिश्वत की पहली किश्त(2 करोड़) देने के लिए उन्होंने(महानामा) भारतीय कारोबारी को कोलंबो स्थित ताज समुद्र होटल के कार पार्किंग में बुलाया था। उस वक्त महानामा से साथ स्टेट टिम्बर एसोसिएशन के चेयरमैन प्रियादासा दिसानायके भी थें। भारतीय उद्योगपति ने शिकायत पर भ्रष्टाचार विरोधी आयोग के अफसर आये हुए थे, भ्रष्टाचार विरोधी दल ने दोनों(महानामा और दिसानायके) को गिरफ्तार कर लिया हैं।

    श्रीलंकाई राष्ट्रपति द्वारा जारी बयान के अनुसार राष्ट्रपति मैत्रीपाल सीरीसेना ने दोनों आरोपियों के खिलाफ जांच के आदेश किये हैं और उन्हें अपने पदों से निष्कासित किया गया हैं।

    भ्रष्टाचार के आरोप और भारतीय उद्योगपति

    त्रिकोमली प्रान्त की कन्तले शुगर फैक्ट्री पिछले 25 वर्षों से बंद है, प्रान्त में बढ़ती बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकार ने 2015 में विदेशी निवेशकों के मदत से फैक्ट्री को फिरसे शुरू किया। इस फैक्ट्री में 66 करोड़ भारतीय रूपए का विदेशी निवेश हैं।

    फैक्ट्री में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी श्रीलंकाई सरकार की हैं और शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी बंगलुरू स्थित प्रभुलिंगेश्वरा शुगर केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड और सिंगापूर स्थित एसएलआई डेवेलोपमेंट्स की है। भ्रष्टाचार के आरोपियों गिरफ्तार होने के बावजूद सरकार और निवेशकों के बीच किये गए 30 साल के करार पर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा, ऐसा राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा स्पष्ट किया गया हैं।

    महानामा ने सरकारी जमीन प्राइवेट फैक्ट्री के लिए देने के एवज में 10 करोड़ की मांग की थी, और वे रिश्वत को 5 हिस्सों में लेने वाले थें। रिश्वत की पहली किश्त 2 करोड़ लेने पहुंचे महानामा और उनके सहकारी दिसानायके को भ्रष्टाचार विरोधी आयोग ने गिरफ्तार किया।

    आपको बतादे, श्रीलंका भ्रष्टाचार विरोधी आयोग(कमीशन टू इन्वेस्टीगेट ऍलिगेशन्स ऑफ ब्रैबरी) का गठन राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना के सत्ता में आने के बाद देश से भ्रष्टाचार का कम करने के हेतु से किया गया हैं। श्रीलंका भ्रष्टाचार विरोधी आयोग एक स्वतंत्र संस्था हैं जिसमे सरकार का हस्तक्षेप नही हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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