कर्नाटक में चुनावी दंगल पूरे जोर पर है। कल प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह तीनों ही कर्नाटक दौरे पर थे। अमित शाह व राहुल गांधी आज भी कर्नाटक में ही हैं।
जुबानों की तीखी जंग के बीच आज कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी की अगुवाई में अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया।
कर्नाटक के तटीय शहर मंगलुरु में राहुल गांधी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी किया।
राहुल गांधी ने दावा किया कि इस घोषणापत्र में कर्नाटक के लोगों की “मन की बात” है। जबकी प्रधानमन्त्री सिर्फ अपने “मन की बात” करते हैं।
मंगलुरु के टी.एम.आई पाई सभागार में यह घोषणापत्र जारी किया गया। यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली व मल्लिकार्जुन खड़गे तथा कर्नाटक इकाई के अन्य नेता भी मौजूद थे।
कांग्रेस के घोषणा पत्र की मुख्य बातें
- शहरी विकास व झुग्गी-झोपड़ियों का विकास कार्य।
- जन-यातायात व्यवस्था में सुधार
- अल्पसंख्यकों के सामाजिक व आर्थिक स्थिति में सुधार।
- कन्नड़ भाषा का पूरे राज्य में प्रचार प्रसार
- हर घर के लिए पानी की सुविधा
- लड़कियों के किये मुफ़्त स्नाकोत्तर शिक्षा का प्रबन्ध।
- साथ ही किसानों की खुशहाली, शिक्षा, स्वास्थ्य संस्कृति आदि के विकास के भी वादे किये गए हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार ने 2013 में किये गए 95% वादों को पूरा किया है।
उन्होंने वीरप्पा मोइली का धन्यवाद करते हुए कहा कि मोइली कर्नाटक के हर जिले में गए व लोगों से मिलकर उनकी जरूरतों को समझ इस घोषणापत्र का निर्माण किया है।
यह भाजपा के घोषणापत्र की तरह नहीं है जो कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ व रेड्डी बन्धु तय करेंगे।
राहुल गांधी मंगलूरु से बंतवाल गए जहां उन्होंने रैली को संबोधित किया। बंतवाल से रैली को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले चुनावों में किये अपने सारे वादे पूरे किये। कांग्रेस पार्टी जो भी वादे करती है उन्हें पूरा करती है। किसानों की खुशहाली हो अथवा लड़कियों को मुफ़्त शिक्षा देने की बात हो, कांग्रेस की सरकार बनने पर ये सारे वादे पूरे किये जायेंगें।
आकलन
भाजपा से पहले अपना घोषणा पत्र जारी कर कॉफ्रेंस एक बढ़त का भाव बनाना चाहती है। यहां कांग्रेस की रणनीति कुछ ऐसी ही है जैसे 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की रही थी।
पुराने वादों के पूरा होने की बात में कितनी सच्चाई है ये कर्नाटक की जनता बताएगी हालांकि एक बात तय है कि इस बार सिद्धारमैया व राहुल गांधी की जोड़ी ने सत्ता विरोधी लहर को सदृश्य होने का मौका नहीं दिया है।
चुनाव परिणाम का अनुमान भाजपा के घोषणापत्र को देखकर ही लगाया जा सकता है। बाकि तो सब 12 मई को जनता के हाथों तय है ही।