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    जिओ ब्रॉडबैंड

    रिलायंस नें 2016 में जिओ के सेवाएं आरम्भ की थी और तबसे अब तक कंपनी नें दूरसंचार की दुनिया में तहलका मचा दिया है।

    जिओ नें पहले मोबाइल डेटा को चुना था। अब हालंकि यह खबर है कि इस साल के अंत तक रिलायंस जिओ इन्टरनेट ब्रॉडबैंड की सेवाएं भी शुरू कर सकता है।

    जिओ से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “अब जिओ की कोशिश है कि यह घरों तक फाइबर के जरिये इन्टरनेट पहुंचाए। जिओ नें अब तक मोबाइल डेटा के जरिये करीबन 16 करोड़ ग्राहकों को अपने से जोड़ लिया है। अब सारी कोशिश ब्रॉडबैंड के लिए होगी। कंपनी 28 दिसंबर, जो कि धीरुभाई अम्बानी का जन्मदिन है, को अपनी नयी योजना की घोषणा कर सकती है।”

    आपको बता दें कि जिओ नें ब्रॉडबैंड सेवाओं को ट्रायल के तौर पर शुरू कर दिया है। कंपनी नें दिल्ली और मुंबई में बीटा फॉर्म में फाइबर ब्रॉडबैंड की शुरुआत कर दी है।

    फाइबर ब्रॉडबैंड के जरिये ग्राहकों को 100 एमबीपीएस की स्पीड से असीमित डेटा दिया जाएगा। इसके लिए ग्राहकों को सुरक्षा के तौर पर 4500 रूपए जमा कराने होंगें।

    भारत में इस समय घरों में ब्रॉडबैंड की संख्या सिर्फ 1.8 करोड़ है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में कम से कम 20 करोड़ ऐसे कनेक्शन का होना जरूरी है। ऐसे में रिलायंस जिओ सही समय पर यह कदम उठा रहा है।

    ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रॉडबैंड की सेवा शुरू करने के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमाई में सालाना 4000 करोड़ रूपए की वृद्धि हो सकती है।

    रिलायंस की इस सेवा की वृद्धि में एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि भारत में इस समय साड़ी कंपनियां सिर्फ मोबाइल डेटा पर ध्यान दे रही हैं और ब्रॉडबैंड जगत में बहुत कुछ होना बाकी है।

    ट्राई के मुताबिक 31 दिसम्बर 2017 तक भारत में सिर्फ 2 करोड़ ब्रॉडबैंड सेवाओं के ग्राहक थे, जबकि मोबाइल डेटा के ग्राहकों की संख्या 42 करोड़ है।

    ब्रॉडबैंड की दुनिया में बीएसएनएल नें एक बड़े बाजार के हिस्से पर कब्ज़ा किया हुआ है। वर्तमान में बीएसएनएल के लगभग 93 लाख ग्राहक हैं और ब्रॉडबैंड बाजार के लगभग 52 फीसदी हिस्से पर कब्ज़ा है। इसके बाद दुसरे स्थान पर एयरटेल है, जिसके पास 10 फीसदी मार्किट हिस्सा है।

    दरअसल फाइबर में जिओ के दिलचस्पी इसलिए है क्योंकि जिस गति से भारत में इन्टरनेट ग्राहकों की संख्या में वृद्धि हुई है, कंपनी उसका फायदा उठाना चाहती है। कंपनी मोबाइल के अलावा अन्य साधनों में भी डेटा उपलब्ध करना चाहती है।

    जिओ का मोबाइल डेटा में असर

    ट्राई के मुताबिक साल 2016 के अक्टूबर-दिसम्बर महीनें में एक ग्राहक औसतन महीनें में 878 एमबी डेटा इस्तेमाल करता है। सिर्फ एक साल में यह संख्या दोगुनी होकर लगभग 2 जीबी प्रति महीने के पास पहुँच गयी है।

    डेटा प्रदान के अलावा जिओ अब मीडिया के विभिन्न साधनों में भी घुस गयी है। कंपनी नें जिओम्यूजिक की सेवा शुरू की है, जिसके लिए कंपनी नें सावन नामक कंपनी के साथ करार किया है।

    इसके अलावा कंपनी जिओ नें जिओ टीवी की शुरुआत की है। इसके लिए कंपनी नें अमेज़न प्राइम और हॉटस्टार जैसे कंपनियों के साथ करार किया है।

    कॉमफर्स्ट के महेश उप्पल के मुताबिक, “जिस गति से लोग डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं, उससे यह लग रहा है कि मोबाइल डेटा से बेहतर उपाय फाइबर होगा। फाइबर में ग्राहकों को मोबाइल के मुकाबले कई गुना डेटा स्पीड मिलती है। हालाँकि फाइबर में कई समस्याएं भी हैं। जैसे की फाइबर के लिए तारों का इस्तेमाल करना होगा जिन्हें देश में चारों और फैलाना होगा। इसके लिए गड्डे खोदना, लोगों से अनुमति लेना आदि में बहुत पैसा और समय निकल जाएगा।”

    जिओ के प्रतिद्वंदी

    वर्तमान का सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी इस समय एयरटेल है। एयरटेल ब्रॉडबैंड सेवाएं भी उपलब्ध करा रहा है और कंपनी के इस समय लगभग 21 लाख उपभोगता हैं। एयरटेल के हाई-स्पीड ब्रॉडबैंड की स्पीड भी लगभग 100 एमबीपीएस है।

    एयरटेल की कमाई का एक बड़ा हिस्सा ब्रॉडबैंड से आता है।

    एक वरिष्ट अधिकारी नें इस सम्बन्ध में बताया, “ब्रॉडबैंड डेटा पुरे देश के लिए उचित विकल्प नहीं है। एयरटेल ने सिर्फ उन हिस्सों पर ध्यान दिया है, जहाँ से उन्हें अच्छी कमाई दिखाई दी।”

    पिछले महीनें ही एयरटेल नें नए ब्रॉडबैंड के प्लान निकाले हैं। एयरटेल के प्लान में ग्राहकों को प्रति महीनें 2990 रूपए में 1200 जीबी डेटा दिया जा रहा है। इसकी स्पीड 300 एमबीपीएस बताई जा रही है। इस सेवा के साथ ग्राहकों को विंक म्यूजिक और एयरटेल टीवी की सुविधा भी दी जा रही है।

     

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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