केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने बारहवीं की अर्थशास्त्र एवं दसवीं की गणित की रद्द परीक्षाओं के लिए नई तारीखों का एलान कर दिया है।
कक्षा 10 वी और 12वी के पेपर लीक हो जाने के बाद सीबीएसई घेरे में है। अब तक सीबीएसई नें 12वी के इकोनॉमिक्स पेपर की तारीख का एलान कर दिया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने एक विज्ञप्ति जारी कर दसवीं व बारहवीं के लिए दुबारा होने वाली परीक्षाओं का एलान किया है।
- बारहवीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा 25 अप्रैल को पुनःनिर्धारित की गयी है। वहीं दसवीं की गणित की परीक्षा की तारीखें अभी नहीं बताई गयी हैं
- बोर्ड के अनुसार पेपर लीक का असर सिर्फ दिल्ली व हरियाणा तक सीमित था। इसलिए अगर परीक्षाएं अगर होती हैं तो वो सिर्फ इस क्षेत्र में होंगी।
- दसवीं की परीक्षाओं को पुनः निर्धारित करने का फैसला दिल्ली पुलिस व सीबीएसई की जांच के बाद लिया जायेगा। और अगर परीक्षा दुबारा हुई वो जुलाई में ली जायेगी।
छात्रो को सीबीएसई के इन एलानों ने काफी हतोत्साहित कर दिया है।
बारहवीं के छात्रों को जहां अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करनी होती है।
वहीं दसवीं के छात्र भी अपनी स्ट्रीम चुन कर पढ़ाई में लग जाना चाहते हैं। पर पेपर लीक की वजह से हो रही इस देरी ने छात्रों को मुश्किलों में डाल दिया है।
परीक्षाएं रद्द होने से छात्रों की छुट्टियों के लिए बनाये गई योजनाओं पर भी पानी फिर गया।
सीबीएसई ने गणित के पेपरों की हस्तलिखित प्रतिलिपि एक अनजान व्यक्ति के द्वारा लिफाफे में भेजे जाने के बाद 28 तारीख को ली गयी दसवीं की गणित की परीक्षा रद्द कर दी थी।
साथ ही 12वीं के अर्थशास्त्र के पेपर भी परीक्षा से पहले व्हाट्सएप्प के जरिये खरीदे-बेचे जा रहे गए थे, इसलिए उसे भी रद्द कर दिया गया है।
इससे पहले भी सोशल मीडिया पर कई बच्चों ने आरोप लगाये कि भौतिकी, रसायन व एकाउंट्स के प्रश्न-पत्र भी बच्चों के पास परीक्षा के एक दिन पहले ही पहुंच रहे थे।
हालांकि तब सीबीएसई इन्हें “अफवाह” व “असामाजिक तत्वों की हरकतें” बता रही थी।
विडम्बना यह है कि एकाउंट्स का पेपर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के पास भी पहुंच गया था और तब उन्होंने सीबीएसई से इसकी जांच की मांग भी की थी। पर जांच का कोई नतीजा नहीं निकला।
कार्रवाई
हालांकि अब पेपर रद्द होने के बाद सीबीएसई ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई है। और पुलिस लगातार छापे मार रही है।
सीबीएसई को भेजे गए एक अज्ञात ई-मेल में किसी व्यक्ति ने जानकारी दी कि दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर का मालिक “विक्की” इस पेपर लीक कांड का मुखिया है। पुलिस उसकी खोज में कई जगह छापे मार चुकी है।
साथ ही पुलिस ने कुछ छात्रों को भी हिरासत में ले कर पूछ-ताछ की है। तथा उन मोबाइल फोनों को जब्त किया है जिनमें ये प्रश्न भेजे गए थे।
झारखण्ड पुलिस ने भी कुछ छात्रों को हिरासत में ले कर पूछ-ताछ की है। उनपर आरोप यह है कि परीक्षा के दौरान उनके पास से नकल की सामग्री पकड़ी गयी और उसमें वही प्रश्न लिखे गए थे जो परीक्षा में आये। इससे साबित होता है कि प्रश्न-पत्र उनके पास पहले ही पहुंच चुका था।
भारी विरोध
सीबीएसई की कोशिशों के बावजूद छात्रों का गुस्सा सड़कों पर फूटा और दिल्ली समेत कई अन्य शहरों में सीबीएसई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए।
दिल्ली में कांग्रेस समर्थित छात्र दल एन.एस.यू.आई ने छात्रों के आंदोलन में हिस्सा लिया।
छात्रों ने संसद भवन तक मार्च करने की कोशिश की पर पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक दिया।
बड़ी गलती
सीबीएसई की स्थापना पूरे भारत के लिए एकीकृत व उन्नत शिक्षा व्यवस्था के निर्माण के लिए 1967 में की गयी थीं। तब से अब तक करोड़ों छात्र इस से पढ़ कर सफल हो चुके हैं। हजारों विद्यालय इस बोर्ड से पंजीकृत हैं तथा लाखों छात्र हर साल सीबीएसई की बोर्ड परीक्षा में बैठते हैं।
इतनी बड़ी जिम्मेदारी का भार वहन करने वाला सीबीएसई अगर बार-बार मिलने वाली चेतावनियों के बावजूद अपनी खामियों को अनदेखा कर दे और छात्रों के जीवन से खिलवाड़ करे तो ऐसी गलती को माफ़ नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा
सीबीएसई अपने प्रश्न पत्रों के लिए कई स्तर की सुरक्षा-प्रणाली अपनाती है।
इसे विस्तार में समझते हैं।
- सर्वप्रथम सीबीएसई के विशेषज्ञ परीक्षा में आने वाले प्रश्नों का एक समूह तैयार करते हैं।
- फिर सीबीएसई के मॉडरेटर इन प्रश्नों में से परीक्षा में आने वाले प्रश्न-पत्र को अंतिम रूप देते हैं।
- इसके बाद गोपनीय छपाई खानों में ये प्रश्न छपते हैं। इन छपाई खानों को जानकारी बोर्ड के निदेशक के पास भी नहीं होती है।
- फिर इन प्रश्न-पत्रों को परीक्षा-केंद्र के नजदीक के बैंक के लॉकरों में रखवाया जाता है।
- अंत में परीक्षा के दिन परीक्षा शुरू होने के कुछ पहले ये प्रश्न केंद्रों पर पहुंचाए जाते हैं तथा उचित पदाधिकारी के सामने इनकी सीलों को खोला जाता है।
हालांकि इतनी कड़ी सुरक्षा के बाद भी प्रश्न-पत्र लीक हो गए तो इसका अर्थ है कि इस प्रणाली में अभी सुधार की आवश्यकता है।
सीबीएसई एन्क्रिप्टेड प्रश्न-पत्र बनाने का प्रस्ताव ला चुकी हैं। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक सभा के दौरान बच्चों से प्रश्न-पत्रों की सुरक्षा के लिए सुझाव लिए।
पेपर लीक के परिणाम
छात्र आरोप लगा रहे हैं कि परीक्षा से कुछ घण्टे पहले प्रश्न-पत्र व्हाट्सएप्प के जरिये उनके फोन में आ रहा था।
ऐसे में उन छात्रों को काफी नुकसान होता है जिन्होंने पूरे वर्ष मेहनत की होती है।
साथ ही सीबीएसई की साख को भी नुकसान पहुंचता है। अभी कुछ दिनों में “जेईई” व “नीट” की परीक्षाएं भी आने वाली हैं जिन्हें भी सीबीएसई ही करवाएगा। उनपर सवाल उठना भारी विवादों को जन्म दे सकता है।
ऐसे में सवाल ये भी उठते हैं कि दिल्ली विश्वविधालय जैसी संस्थाओं में, जहां कुछ अंक भी आपके दाखिले को नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहां मेहनती छात्र उन छात्रों से पिछड़ जाएंगे जिन्होंने परीक्षाओं में गलत तारीकों का इस्तेमाल किया है।
और सरकार या समाज में कोई भी ऐसा नहीं चाहेगा।
इसलिए अति आवश्यक है कि सीबीएसई अपनी परीक्षाओं को उचित ढंग से करवाये।
तथा दिल्ली विश्विद्यालय व विश्विद्यालय अनुदान आयोग को भी कटऑफ के आधार पर एडमिशन लेने के पुराने तरीके को अलविदा करने पर विचार करना चाहिए।