Sat. Nov 23rd, 2024
    कांग्रेस व बीजेपी

    साल 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने बहुमत प्राप्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जीत हासिल की थी। कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना बीजेपी के लिए काफी मुश्किल था। लेकिन कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता की मोदी पर चायवाला टिप्पणी ने बीजेपी को सत्ता दिलाने में काफी मदद की। दरअसल कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने भाजपा को बैठे-बिठाये बड़ा मुद्दा दिया था।

    मोदी के चाय बेचने की आलोचना को बीजेपी ने अपनी रणनीति बनाया और शानदार जीत हासिल की। अभियान की रणनीति के रूप में, भाजपा की प्रतिक्रिया बेहद क्रूर नजर आ रही थी। कांग्रेस नेता की ऐसी बयानबाजी से बीजेपी को उस समय जरूर फायदा हुआ था। कांग्रेस अपने बयानबाजी को आगे बढ़ा रही है और भाजपा को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा जा रहा है।

    वर्तमान में भाजपा का मुख्य चेहरा नरेन्द्र मोदी ही है। जिनके चेहरे की वजह से ही कई राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी है। पिछले हफ्ते संसद में दिए भाषण में मोदी ने कांग्रेस की जमकर खिंचाई की थी। मोदी सहित पार्टी प्रमुख अमित शाह, अरुण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल, और कुछ अन्य शीर्ष मंत्रियों को छोड़ दे तो बाकि बीजेपी नेता ठोस व तर्कसंगत जवाब नहीं दे पाते है।

    संसद मे विभिन्न मुददों पर बीजेपी के अन्य नेता बहस नहीं कर पाते है। भाजपा प्रवक्ता भी टीवी डिबेटों में इतने जोर से चिल्लाते है कि कुछ समय पहले एक टीवी एंकर ने अपना धैर्य तक खो दिया था। पिछले हफ्ते, कांग्रेस के प्रवक्ता ने अर्थव्यवस्था पर चर्चा की और तर्क रखे लेकिन बीजेपी प्रवक्ता उलझन में दिखाई दिया।

    कांग्रेस पार्टी की बात की जाए तो वे निराश लग रही है। कर्नाटक राज्य में अभी कांग्रेस की सरकार है लेकिन बीजेपी सत्ता हासिल करने में पूरा जोर लगा रही है।

    कांग्रेस को अब जिन भी राज्यों में चुनाव है वहां पर जीत हासिल करनी होगी ताकि साल 2019 में मोदी पीएम दौड़ के लिए कमजोर हो जाए। कांग्रेस जातिवाद व राफेल मुद्दे पर बीजेपी को निशाने में ले रही है।

    यह प्रधानमंत्री मोदी की भ्रष्टाचार विरोधी छवि में खतरा पैदा कर सकता है। राफेल विवाद को लेकर संसद में जमकर हंगामा हो रहा है। बीजेपी सरकार की योजनाओं की बात करे तो उसे देश में काफी समर्थन दिया जा रहा है।

    जीएसटी व नोटबंदी को लेकर भी बीजेपी को इतना नुकसान नहीं देखने को मिल रहा है। मुद्रास्फीति नियंत्रण में है, कॉरपोरेट आय धीरे-धीरे उठा रही है और निर्यात बढ रहे है। हालांकि अभी भी बहुत कुछ किया जाना जरूरी है। बीजेपी को अब अन्य नेताओं के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए।