पुरी की पावन धरा ने बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जगन्नाथ मंदिर के भव्य विरासत कॉरिडोर का उद्घाटन किया। यह परियोजना करीब 800 करोड़ रुपये के लागत से निर्मित है और इससे न केवल मंदिर परिसर का सौंदर्य बढ़ेगा बल्कि लाखों श्रद्धालुओं के लिए दर्शन-पूजन का अनुभव भी और सुखद बनाएगा।
विरासत कॉरिडोर, जिसे “श्रीमंदिर परिचक्रमा प्रकल्प” के नाम से भी जाना जाता है, मंदिर के बाहरी प्राचीर के चारों ओर लगभग 75 मीटर चौड़ा एक खुला मार्ग है। इस कोरिडोर को नौ अलग-अलग क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें से हर एक की अपनी विशिष्टता है। एक हरे-भरे बफर ज़ोन से लेकर शांत ध्यान क्षेत्र तक, कोरिडोर में हर किसी के लिए कुछ न कुछ है।
इस प्रोजेक्ट का मुख्य आकर्षण 10 मीटर चौड़ा अंतर प्रदीक्षण मार्ग है, जो साल भर देवताओं के जुलूस के लिए और श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा के लिए खुला रहेगा। इसके अलावा, कॉरिडोर में एक स्वागत क्षेत्र, जिसमें 6,000 से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था है, एक बहु-स्तरीय कार पार्किंग, जगन्नाथ बल्लव तीर्थयात्री केंद्र और अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं।
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री पटनायक ने कहा, “मुझे भव्य श्रीमंदिर के परिचक्रमा प्रोजेक्ट के शुभारंभ में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। मंदिर का यह भ्रमण मुझे एक दिव्य अनुभव दे गया है। यह परियोजना भक्तों की भक्ति और श्री जगन्नाथ के साथ उनके जुड़ाव को और मजबूत करेगी।”
राज्यपाल गणेशी लाल और गजपति महाराज दिब्यासिंह देब समेत कई गणमान्य व्यक्तियों ने इस ऐतिहासिक अवसर पर उपस्थिति दर्ज कराई। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों ने भी बड़ी संख्या में इस उद्घाटन समारोह में भाग लिया और इस पवित्र स्थान के विकास का जश्न मनाया।
श्री जगन्नाथ मंदिर के विरासत कॉरिडोर का उद्घाटन ओडिशा के सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पर्यटन को बढ़ावा देने और राज्य के आर्थिक विकास में योगदान देगा, साथ ही मंदिर की पवित्रता और परंपरा को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना ओडिशा के लोगों के समर्पण और श्रद्धा का प्रमाण है, जो अपने प्रिय भगवान जगन्नाथ के मंदिर को और भी भव्य और सुलभ बनाना चाहते हैं।