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    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गांधीनगर से आयुष्मान भव अभियान का किया शुभारंभ

    राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को राजभवन, गांधीनगर से वर्चुअल माध्यम में आयुष्मान भव अभियान का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष्मान भव अभियान का लक्ष्य – कोई भी व्यक्ति पीछे नहीं रहना चाहिए और कोई भी गांव पीछे नहीं रहना चाहिए – हमारे देश को सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल बनाएगा। 

    उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति, हर परिवार स्वस्थ रहेगा तो स्वस्थ भारत के निर्माण का संकल्प पूरा होगा। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बहु-मंत्रालयी दृष्टिकोण अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि सभी का सहयोग इतने बड़े लक्ष्यों को हासिल करने में मददगार होगा।

    राष्ट्रपति ने कहा कि सभी लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराना; ग्रामीणों को स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण के बारे में जागरूक करने के लिए आयुष्मान बैठकें आयोजित करना; आयुष्मान मेलों का आयोजन; और आयुष्मान आपके द्वार 3.0 पहल के तहत सप्ताह में एक बार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विशेषज्ञ डॉक्टरों के दौरे की व्यवस्था करना सराहनीय कदम हैं।

    राष्ट्रपति ने कहा कि भारत कई क्षेत्रों में नई तकनीक और कार्य पद्धतियों को अपनाने में बहुत उत्साह के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि ‘आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन’ सितंबर 2021 में लॉन्च किया गया था। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत अन्य क्षेत्रों की तरह स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी डिजिटल समावेशन का उदाहरण स्थापित करेगा।

    आयुष्मान भव अभियान केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की एक व्यापक राष्ट्रव्यापी स्वास्थ्य सेवा पहल है जिसका उद्देश्य देश के हर गांव और कस्बे तक स्वास्थ्य सेवाओं की संतृप्ति कवरेज प्रदान करना है। यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2023 तक ‘सेवा पखवाड़ा’ के दौरान चलाया जाएगा।

    उन्होंने कहा, भारतवासी कुछ भी कर सकते हैं इसका उदाहरण हमारे देश ने COVID की वैक्श्वक महामारी का सामना करने में पूरा विश्व के सामने प्रस्तुत किया है। आज से लगभग 105 वर्ष पहले जब एक वैश्विक महामारी ने विश्व समुदाय को आक्रांत किया था तब सबसे बुरा असर भारतवासियों पर हुआ था। परंतु COVID-19 का सामना करने में देशवासियों के धैर्य और साहस, भारत के वैज्ञानिकों की असाधारण क्षमता, डॉक्टरों- नर्सों, अन्य स्वास्थकर्मियों तथा प्रशासन और कुशल नेतृत्व के बल पर भारत ने, न केवल अपनी विशाल आबादी को उस भयानक आपदा से बाहर निकाला बल्कि विश्व के अनेक देशों की भी सहायता की। भारत द्वारा विश्व के इतिहास में सबसे बड़ा vaccination अभियान सम्पन्न करना हमारे देश की आत्मनिर्भरता और दक्षता का अभूतपूर्व उदाहरण है।

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