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    अक्सर जब भी हम भारत में टीवी सीरियल की बात करते हैं, तो सबसे पहले जो हमारे मन में आता है, वो है कभी ना खत्म होने वाली कहानियां, जिनमें अक्सर कहानी होती भी नहीं। इन टीवी ड्रामा में जो और भी चीज़ जो हमें तंग करती है वो हैं इन कहानियों का वास्तविकता से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होना। यही वजह है जो आज कल की पीढ़ी है वो दुनिया भर के टीवी ड्रामा देखने में रुझान रखती है, उद्धरण के लिए — पाकिस्तान, चीन, कोरिया, तुर्की और जापान। आज हम बात करने वाले हैं बेहतरीन पाकिस्तानी ड्रामा की, जो आपको अपने खाली समय में ज़रूर देखने चाहिए।

    वैसे तो पाकिस्तान और भारत पडोसी देश है परन्तु इनके सिनेमा और ड्रामा में ज़्यादा ताल्लुक नहीं है। जहाँ हमारी फिल्में बड़े बजट बड़े सितारों से लैस होती है, वही वहां, पाकिस्तान में, उनकी फिल्में इतना असर नहीं छोड़ पाती। हालांकि उनके टीवी ड्रामा  ( Pakistani TV Drama) हमारे सेरिअल्स से काफ़ी बेहतर होते हैं– बेहतर अदाकारी, कहानी और अबसे बड़ी बात — उनके सेरिअल्स (Pakistani serials) एक सीमित समय में दर्शकों तक अपनी कहानी बयां करने में सक्षम रहते हैं। उनकी कहानियों में असल ज़िन्दगी कि झलकियां भी होती है।

    भारत और पाकिस्तान देखा जाए तो दो अलग-अलग देश हैं, परन्तु वे संस्कृति साझा करते हैं। उनकी भाषाएं एक जैसी लगती हैं, पहनावा भी मेल खाता है और कुछ हद तक सामाजिक तानाबाना भी एक जैसा है। शायद यही वजह है कि पाकिस्तानी ड्रामा भारत में भी पसंद किये जाते है। लोग उन कहानियों में अपने आप को ढूंढ पाते हैं या जुड़ पाते हैं।

    अगर आप भी भारतीय सोप ओपेरा से थक चुके हैं और अपने मनोरंजन में बदलाव चाहते हैं, तो पाकिस्तानी शोज पर स्विच करें! अगर आपने अपने दोस्तों या ऑफिस में काम करने वाले सहकर्मियों से पाकिस्तानी सीरियल की तारीफ़ सुनी है और आपको नहीं पता कि कौन सा ड्रामा सबसे पहले देखना शुरू करें तो आप इन 7 टीवी ड्रामा को देखकर शुरुआत कर सकते हैं।

    सबसे अच्छी बात यह है कि ये सभी Pakistani Drama, Youtube पर मुफ़्त में उपलब्ध हैं।

    1) Aunn Zara| औन ज़ारा

    जीवन में कुछ हँसी के ठहाके लगाना चाहते हो तो ऑन ज़ारा से बेहतर क्या हो सकता है?! ये कहानी है औन की, जो अपने घर का इकलौता वारिस है परन्तु बिगड़ैल है। वही ज़ारा भी अपने माता-पिता की इकलौती है।

    औन के जीवन में सब कुछ ठीक है लेकिन उसे यह पसंद नहीं है कि उसके परिवार के सदस्य उसके प्रति अत्यधिक सुरक्षात्मक हों। वो चाहता है कि उसका परिवार उस पर जो ज़रूरत से ज़्यादा प्यार लुटाता है उसे बंद करें। वह इससे छुटकारा पाना चाहता है और इसके लिए उसे विवाह ही सुविधाजनक मार्ग लगता है।

    एक दिन किसी की शादी में उसकी मुलाकात होती है ज़ारा से, जो एक जिद्दी और ज़िंदादिल लड़की है, और एक उग्र सेना अधिकारी की बेटी है। ज़ारा, औन के विपरीत, एक ऐसे घर में रहती है जहाँ वह अपने तत्काल परिवार की एकमात्र महिला सदस्य है।

    वक़्त के फेर के साथ, औन की शादी ज़ारा के साथ हो जाती है। ज़ारा को एक ऐसा परिवार मिलता है जो वो हमेशा से चाहती थी — प्यार करने वाला परिवार। पर क्या औन सहज होगा जब उसके परिवार का सारा ध्यान और प्यार सिर्फ ज़ारा के लिए होगा? क्या औन ज़ारा, जो एक दूसरे से एकदम अलग है, एक साथ एक छत के नीचे रह पाएंगे ? यही कहानी है औन ज़ारा की !

    2) Zindagi Gulzar Hai| जिंदगी गुलज़ार है

    जिंदगी गुलज़ार है महिलाओं की वास्तविक जीवन की समस्याओं को दिखाने का प्रयास है। यह ड्रामा उन्हें असहाय प्रकाश में नहीं दिखाता है। यह एक कशफ नमक महिला की कहानी है, जिसे एक अकेली माँ ने पाला है और उसकी दो बहनें हैं। उसके पिता ने उसकी माँ को छोड़कर दूसरी शादी कर ली, कारण? उसकी माँ उन्हें एक बेटा नहीं दे पाई।

    कशफ अपनी मां और बहनों के साथ रहती है। वे दिन-प्रतिदिन की कठिनाइयों का बहादुरी से सामना करते हैं। कशफ को एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से छात्रवृत्ति मिलती है। उसकी मुलाकात ज़ारून जुनैद से होती है, जो उससे बिल्कुल अलग जीवन जीता है। वह एक अमीर लड़का है और कशफ उससे नफ़रत करती है। पुरुषों के प्रति उसके अविश्वास और वर्ग अंतर के बारे में विचारों के कारण, वह अन्य छात्रों के साथ घुलमिल नहीं पाती। इस कारण वह ज़ारून से भी बात करने में सहज नहीं रहती और उसके लिए अपने दिमाग में अलग-अलग धारणाएं रखती है।

    समय के साथ, कशफ को अपने करियर में सफलता मिलती है। शादी के नाम से ही खुंदक खाने वाली कशफ के सामने एक पल आता है जहा उसे शादी को चुनना पड़ता है। घटनाक्रम के साथ, वह ज़ारून से शादी कर लेती है। उसके बाद उसका जीवन और जीवन के प्रति उसका नजरिया पूरी तरह से बदल जाता है।

    3) Chupke Chupke| चुपके चुपके

    चुपके चुपके नवाब-परिवार के बारे में एक पारिवारिक रोमांटिक कॉमेडी ड्रामा सीरीज़ है। नवाब साहब की मृत्यु के बाद उनकी दोनों पत्नियाँ नाइक बख्त और नाइक परवार एक साथ रहते हुए भी आपस में लड़ती हैं। कहने को तो वो एक ही विला में रहती हैं लेकिन एक दूसरे से अलग।

    इस नाटक की कहानी एक पारंपरिक संयुक्त परिवार की गतिशीलता के इर्द-गिर्द घूमती है। फ़ाज़ और उसके चचेरे भाई हादी को लगता है कि वे अकेले कुंवारे मरेंगे। फ़ाज़ की तीन रौबीली बहनें हैं जो उसके लिए एक पत्नी चुनना चाहती हैं। लेकिन असल में वह अपनी पत्नी खुद चुनना चाहता है। वह अपने जैसी गंभीर, बौद्धिक पत्नी चाहता है। बता दें की फ़ाज़, मीनू ( जो इस नाटक की नायिका है), को ट्यूशन भी पढ़ाता है। इसके विपरीत है हादी, जिसके पास न नौकरी है ना ही लड़की।

    मीनू, इस नाटक की नायिका, अपनी स्नातक की डिग्री में गणित से पराजित महसूस करती है और उम्मीद करती है कि शादी उसे विश्वविद्यालय और उसके व्यंग्यात्मक, ट्यूटर फ़ाज़ दोनों से बचने का ओका मिल जायेगा। बस वो पढ़ाई के झमेले से छुटकारा पाना चाहती है।

    नियति, या फिर यूँ कहें की इस नाटक की कहानी, फ़ाज़ और मीनू को एक साथ लाने की साजिश रचती है

    असंभव लेकिन प्रफुल्लित करने वाली घटनाओं की एक श्रृंखला के बाद, फ़ाज़ और मीनू शादी हो जाती है। फ़ाज़ और मीनू के जीवन को वास्तव में कठिन बनाने वाला मोड़ तब आता है जब फ़ाज़ की छोटी बहन- मिशी का हादी के साथ प्रेम संबंध की बात सबको पता चलती है। गुल अप्पा- फ़ाज़ की बड़ी बहन और गहरी पारिवारिक दुश्मनी क्या इनके शादी के रिश्ते में दरार लाएगी? या फिर चुपके चुपके सब ठीक हो जायेगा ?

    4) Suno Chanda| सुनो चंदा 

    Season: 1 अरसल और जिया बचपन के साथी हैं जिनके बीच नोक-झोक चलती रहती है। बी जान अपने पति की अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए अरसल और जिया की औपचारिक शादी और रुखसती करवाने का फैसला करतीं है। अरसल और जिया, दोनों ही इस शादी के खिलाफ हैं। जिया का बीबीए के बाद उच्च शिक्षा के लिए लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में जाने का सपना है। वे दोनों एक-दूसरे को दोस्तों से ज्यादा कुछ नहीं मानते हैं, इसलिए वे शादी को रोकने के लिए मासूमा की बेटी किन्ज़ा का सहारा लेते हैं।

    उन्होंने कई हथकंडे अपनाए। यहां तक कि वे अपने माता-पिता के बीच गलतफहमियां पैदा कर देते हैं। जब बात हाथ से निकल जाती है तो अरसल और जिया के माता-पिता उनका तलाक करवाना ही सही समझते है, लेकिन अरसल इससे इनकार कर देता है। जिया के पिता अरसल को तलाक का नोटिस भेजते हैं, जो फिर जिया के सामने अपनी भावनाओं को कबूल करता है।जिया शुरू में अरसल को अस्वीकार कर देती है लेकिन अंततः उसे उसके लिए अपने प्यार का एहसास होता है।

    उनके रिश्ते का क्या हश्र होगा, यह जानने के लिए आपको यह ड्रामा देखना होगा।

    Season 2: यह सीज़न वहीं से आगे बढ़ता है जहाँ से पहला सीज़न समाप्त हुआ था। दूसरा सीज़न इस बात के इर्द-गिर्द घूमता है कि कैसे जिया और अरसल का रिश्ता उनकी शादी के बाद बदल जाता है और क्या जिया लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में जाने का सपना पूरा करेगी?

    5) Mere Humsafar | मेरे हमसफ़र 

    मेरे हमसफर एक ऐसी लड़की (हाला) की कहानी है, जिसका पिता बचपन में ही उसे ताई-ताऊ के साथ छोड़कर विदेश चला जाता है और वहां अपना दूसरा परिवार बसा लेता है। बेटी के भरण-पोषण के लिए वह हर महीने अपने भाई को मोटी रकम भी भेजते हैं। उन्हें लगता है कि इन पैसों से हाला अच्छी पढ़ाई करेगी और खुशी-खुशी जीवन व्यतीत करेगी। लेकिन हकीकत कुछ और ही है। हाला के साथ नौकरानी की तरह व्यवहार किया जाता है। उसकी जबरदस्ती शादी कराने की पूरी तैयारी हो जाती है, लेकिन तभी हाला की किस्मत बदल जाती है।

    हाला की जिंदगी में आता है हम्ज़ा। हम्ज़ा हाला का कज़ीन है, जो विदेश में पढ़ाई करके घर लौटा है। वह अपने परिवार के सदस्यों की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ जाकर हाला से शादी करता है। हमेशा भयभीत रहने वाली हाला अब खुश रहने लगती है, लेकिन उसकी ताई जान (हम्ज़ा की मां) उसे अपनी बहू के रूप में बिल्कुल स्वीकार नहीं कर पाती है और दोनों को अलग करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाती है। हाला का जीवन खुशियों से भर जाता है जब उसे पता चलता है कि वह माँ बनने वाली है, लेकिन फिर उसका अतीत उसके सामने आ जाता है और उसके सपने बिखर जाते हैं। हाला के इस अतीत के बारे में जानने के लिए आपको यह सीरियल देखना होगा। इस नाटक को प्रशंसकों के द्वारा बहुत प्यार मिला।

    6) Hum Tum| हम तुम

    हम तुम दो अलग-अलग परिवारों की कहानी है जो पड़ोसी के रूप में साथ-साथ रहते हैं। जहाँ एक घर में तीन बेटियाँ हैं जो घर के कामों के अलावा अन्य सभी कामों में निपुण हैं, वहीं दूसरी ओर, पड़ोस के दो बेटे– सरमद और आदम हैं जो घर के कामों में निपुण है और अपनी बहन मिली की देखभाल भी करते हैं।

    आदम सुल्तान और नेहा कुतुब-उद-दीन बचपन के प्रतिद्वंद्वी और पड़ोसी हैं। आदम का बड़ा भाई सरमद एक chef है जो एक रेस्तरां का मालिक है, उसे नेहा की बड़ी बहन माहा पसंद है। महा योग की शौकीन हैं और अपने शरीर और अपने आहार का ध्यान रखती हैं।

    कुतुब उद दीन, नेहा और महा के पिता, अपनी बेटियों की तुलना में आदम पर अधिक ध्यान देते हैं क्योंकि वह हमेशा एक बेटा चाहते थे। आदम नेहा के पिता के प्रति भी विनम्र है। बचपन से ही आदम और नेहा के बीच दुश्मनी रही है। उनकी यही नापसंदगी उनके बीच दरार पैदा करती है।

    लेकिन जब एक और आदमी नेहा के जीवन में प्रवेश करता है, तो आदम नेहा के लिए अपनी भावनाओं को महसूस करता है और उसे जीतने की कोशिश करता है।

    7) Humsafar| हमसफ़र

    खिराद और अशर एक couple हैं जिन्होंने खिराद की मां की असामयिक मृत्यु के कारण दबाव में एक-दूसरे से विवाह किया। इस बात से, अशर की सबसे अच्छी दोस्त सारा का दिल टूट गया है क्योंकि वह उससे प्यार करती थी। जल्द ही अशर और किराद के प्यार का घोंसला गलतफहमी के बवंडर से टूट जाता है। वो कैसे सुलह करते हैं, उसके लिए देखिए हमसफर की कहानी!

    हमें Comment Box में बताएं कि कौन सा नाटक सूची में होना चाहिए था और नहीं है!

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