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    कम से कम 50 जगहों का चयन कर, एक सम्पूर्ण पर्यटन पैकेज के रूप में होंगे विकसित: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि कम से कम 50 जगहों का चयन किया जाएगा और इन जगहों को एक सम्पूर्ण पर्यटन पैकेज के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन स्थानों का चयन चैलेंज मोड में किया जाएगा, जिसमें एकीकृत और इनोवेटिव दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। पर्यटन विकास का फोकस देश के पर्यटकों और साथ ही साथ विदेशी पर्यटकों पर होगा।

    वित्त मंत्री ने एक ऐप जारी करने का प्रस्ताव दिया जिसमें फिजिकल कनेक्टिविटी, वर्चुअल कनेक्टिविटी, टूरिस्ट गाइड, फूड स्ट्रीट और पर्यटक सुरक्षा के उच्च मानक जैसे पहलुओं के अलावा सभी पहलुओं को एक ऐप पर उपलब्ध कराया जाएगा।

    देश के पर्यटन को मजबूती प्रदान करने के लिए, बजट 2023-24 में क्षेत्र विशिष्ट कौशलवर्धन और उद्यमिता विकास में समन्वयन स्थापित किया जाएगा, जिससे ‘देखो अपना देश’ पहल का उद्देश्य प्राप्त किया जा सकेगा। वित्त मंत्री ने घोषणा किया कि ‘Vibrant Villages Programmes’ के अंतर्गत सीमावर्ती गांव में पर्यटन अवसंरचना और विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

    पर्यटन की विभिन्न योजनाओं के बारे में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा ‘देखो अपना देश’ मध्यम वर्ग के नागरिकों को विदेशी पर्यटन के बदले घरेलू पर्यटन को प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री के अपील से शुरू की गई। थीम आधारित पर्यटन सर्किटों के एकीकृत विकास के लिए, स्वदेश दर्शन योजना शुरू की गई।

    मंत्री ने कहा कि राज्यों में उनके स्वयं के एक जिला एक उत्पाद, ज्योग्राफिकल आइडेंटिफिकेशन उत्पाद और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए और उनकी बिक्री करने के लिए और शेष राज्यों के ऐसे उत्पादों को स्थान उपलब्ध करवाने के लिए अपनी-अपनी राजधानियां में या सबसे प्रमुख पर्यटन केन्द्र पर या वित्तीय राजधानी में एक यूनिटी मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

    भारत में पर्यटन की क्षमता पर बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि देश में देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए व्यापक आकर्षण मौजूद है। वित्त मंत्री ने कहा “पर्यटन में बहुत ज्यादा क्षमता है जिसका उपयोग किया जाना चाहिए। इस क्षेत्र में नौकरी और उद्यमशीलता के लिए बहुत बड़ा अवसर है विशेषरूप से युवाओं के लिए। पर्यटन के प्रचार को मिशन मोड पर किया जाएगा, जिसमें राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी कार्यक्रमों का समावेश और सार्वजनिक-निजी साझेदारी शामिल है।”

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