सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को कहा कि भारत सरकार की नीति ‘आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस’ पर केन्द्रित है। उन्होंने मीडिया को बताया कि सरकार ने जहां UAPA को मजबूत करने के लिए कानूनी तौर पर काम किया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (संशोधन) अधिनियम को पेश करके राष्ट्रीय जांच एजेंसी को वास्तविक तौर पर एक संघीय संरचना दी गयी है। यह आतंकवाद के इकोसिस्टम को कमजोर कर रहा है।
2014 से भारत zero tolerance against terrorism की निति को लेकर ही चल रहा है।
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— Office of Mr. Anurag Thakur (@Anurag_Office) December 19, 2022
उन्होंने कहा कि 90वीं इंटरपोल महासभा में 2000 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसका समापन ‘आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई’ की घोषणा के साथ हुआ। पीएम ने अंतरर्राष्ट्रीय मंचो पर आंतकवाद का मुद्दा उठाया। पीएम ने अंतरर्राष्ट्रीय मंचो पर आंतकवाद का मुद्दा उठाया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “आतंक के खिलाफ सरकार के संकल्प को सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर बालाकोट स्ट्राइक तक बार-बार प्रदर्शित किया गया है। हमारे सशस्त्र बलों की कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में भारी कमी दर्ज की गयी है। इसी तरह, आतंकवाद को वित्तीय मदद देने के मामलों में सजा की दर 94 प्रतिशत तक हासिल की गयी है।”
केन्द्रीय मंत्री ने कहा पूर्वोत्तर में कि 2014 से उग्रवाद प्रभावित हिंसा में 80 प्रतिशत और नागरिकों की मौतों में 89 प्रतिशत की भारी गिरावट आने की वजह से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति का एक युग शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि AFSPA को वापस लेने के बारे में अबतक सिर्फ चर्चा ही होती रही, लेकिन इस सरकार ने इसे पूरे त्रिपुरा और मेघालय सहित पूर्वोत्तर के एक बड़े हिस्से से वापस ले लिया। उन्होंने जानकारी दी कि यह कानून अरुणाचल प्रदेश के सिर्फ तीन जिलों में लागू है, असम का 60 प्रतिशत हिस्सा AFSPA से मुक्त है, छह जिलों के अंतर्गत 15 पुलिस थानों को अशांत क्षेत्र की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है, सात जिलों में 15 पुलिस थानों से अशांत क्षेत्र अधिसूचना को हटा दिया गया है।
भारत में न केवल भारतीयों को बल्कि संकट में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए भी मदद की। वर्ष 2016 में ऑपरेशन संकट मोचन के तहत दक्षिण सूडान से 2 नेपाली नागरिकों सहित 155 लोगों को देश में वापस लाया गया। ऑपरेशन मैत्री के दौरान नेपाल से 5,000 भारतीयों को बचाया गया जबकि नेपाल से ही 170 विदेशी नागरिकों का भी बचाव किया गया। ऑपरेशन राहत के तहत यमन से 1,962 विदेशी नागरिकों सहित 6,710 लोगों को बचाया गया।
श्री ठाकुर ने कहा, “हमने दुनियाभर में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विदेशी लोगों की जान बचाने का काम किया। भारत की छवि दूसरे देशों में एक मदद करने वाली बनी है, आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बनी है।”
हमने दुनियाभर में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी विदेशी लोगों की जान बचाने का काम किया। भारत की छवि दूसरे देशों में एक मदद करने वाली बनी है, आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की बनी है।
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