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    सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कामनवेल्थ गेम्स के विजेताओं से कहा, ‘युद्ध के बाद, खेल एकमात्र क्षेत्र है जहां विजेताओं को पूरे देश द्वारा मान्यता दी जाती है’

    भारतीय सेना के खिलाड़ियों ने हाल ही में संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। टीम की भारत वापसी पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने एक विशेष समारोह में खिलाड़ियों को बधाई दी। 

    पदक विजेताओं में भारोत्तोलन में नायब सूबेदार जेरेमी लालरिनुंगा स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। हवलदार अचिंता शुली स्वर्ण पदक जीता है। कुश्ती में सूबेदार दीपक पुनिया स्वर्ण पदक जीत के लाया है। हवलदार दीपक नेहरा कांस्य पदक अपने नाम किया है। सूबेदार अमित पंघाल, वीएसएम स्वर्ण पदक और सूबेदार मोहम्मद हैं। मुक्केबाजी में हुसामुद्दीन कांस्य पदक जीता है। एथलेटिक्स में नायब सूबेदार अविनाश सेबल रजत पदक अपने नाम किया है। सूबेदार संदीप कुमार कांस्य पदक जीता है।

    यह एक सराहनीय उपलब्धि है कि राष्ट्रमंडल खेलों के दस्ते में भारतीय सेना के 18 प्रतिभागियों में से आठ खिलाड़ियों ने भारत के लिए पदक अर्जित किए हैं। ये पदक भारतीय सेना द्वारा सावधानीपूर्वक नियोजित और निरंतर “मिशन ओलंपिक कार्यक्रम” का परिणाम हैं, जिसकी परिकल्पना और कार्यान्वयन वर्ष 2001 से किया गया था।

    टीम की भारत वापसी पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और सेना मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने 10 अगस्त 2022 को दिल्ली कैंट में आयोजित एक विशेष समारोह में खिलाड़ियों को बधाई दी और बातचीत की है।

    खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए, सेना प्रमुख ने उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को स्वीकार किया और टिप्पणी की कि भारतीय सेना के प्रतिभागी राष्ट्र के लिए वास्तविक रोल मॉडल हैं। उन्होंने कहा कि उनके व्यक्तिगत प्रदर्शन ने भारतीय सेना और पूरे देश को गौरवान्वित किया है। उन्होंने उन्हें आगामी सभी आयोजनों के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

    “युद्ध के बाद, खेल ही एकमात्र अन्य क्षेत्र है जहां विजेताओं को पूरे देश द्वारा मान्यता दी जाती है। यह किसी अभिनेता या सेलिब्रिटी पर भी लागू नहीं होता है,” सेना के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज पांडे ने सीडब्ल्यूजी 22 के विजेताओं के साथ अपनी बैठक के दौरान कहा।

    सेना प्रमुख ने प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र और नकद प्रोत्साहन देकर सम्मानित किया। पदक विजेताओं को प्रचलित नीति के अनुसार बारी-बारी से पदोन्नति भी मिलेगी।

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