गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मानसून के दौरान देश में बाढ़ की स्थिति से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की। बैठक में केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
गृह मंत्री राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में की गई तैयारियों का भी जायजा लिया। बाढ़ से संबंधित समस्याओं को कम करने के लिए व्यापक नीति तैयार करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की भी समीक्षा की। बैठक में बाढ़ के दौरान जान-माल के नुकसान को कम करने के लिए कई फैसले लिए गए।
केन्द्रीय गृह और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक कर आगामी मानसून में बाढ़ से निपटने की समग्र तैयारियों की समीक्षा की
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— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) June 2, 2022
उन्होंने अधिकारियों को देश के प्रमुख कैचमेंट क्षेत्रों में बाढ़ और जल स्तर वृद्धि के स्थानीय स्तर तक विस्तृत भविष्यवाणी प्रदान करने के लिए एक स्थायी प्रणाली स्थापित करके केंद्र और राज्य स्तर की एजेंसी के बीच समन्वय को लगातार मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि वर्तमान बाढ़ के मौसम में वर्तमान और पूर्वानुमानित नदी के स्तर की हर घंटे निगरानी की जानी चाहिए और बाढ़ के दौरान सभी संबंधित stakeholder को तटबंध, निकासी और अस्थायी आश्रय जैसे उचित उपाय करे।
गृह मंत्री ने NDRF को भारी बारिश वाले क्षेत्रों में स्थानीय, नगरपालिका और राज्य स्तर पर बारिश की पूर्व चेतावनी जारी करने के लिए राज्यों के साथ SOP तैयार करने का निर्देश दिया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) और केंद्रीय जल आयोग (CWC) जैसे संस्थानों को सलाह दी कि वे अधिक सटीक मौसम और बाढ़ पूर्वानुमान के लिए अपनी प्रौद्योगिकियों का upgradation जारी रखें।
उन्होंने SMS, TV, FM RADIO और अन्य माध्यमों से लोगों को बिजली गिरने की चेतावनी समय पर प्रसारित करने के निर्देश दिए। NDRF और SDRF को जिला कलेक्टरों और पंचायतों को बिजली की चेतावनी देने की व्यवस्था करने के लिए कहा ताकि कम से कम जान-माल का नुकसान हो।
उन्होंने IMD द्वारा विकसित ‘उमंग’, ‘रेन अलार्म’ और ‘दामिनी’ जैसे मौसम पूर्वानुमान से संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए ताकि उनका लाभ लक्षित आबादी तक पहुंचे। उन्होंने ‘दामिनी’ एप को देश की सभी स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। ‘दामिनी’ ऐप तीन घंटे पहले बिजली की चेतावनी देता है जो जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद कर सकता है।
जल स्तर और बाढ़ को और कम करने के लिए बांध सुरक्षा अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत राज्य स्तर पर और बांध स्तर पर संस्थागत व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय और CWC को समय पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
IMD के महानिदेशक और CWC के अध्यक्ष ने बैठक में presentation के माधयम से पिछले साल हुई बाढ़ समीक्षा बैठक में गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने श्री शाह को मौसम में सुधार और बाढ़ पूर्वानुमान तकनीकों और बाढ़ नियंत्रण उपायों से अवगत कराया। NDRF के महानिदेशक ने बताया कि आने वाले मानसून के दौरान बाढ़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों द्वारा NDRF की 67 टीमों की मांग की गई है और अब तक 14 टीमों को तैनात किया गया है।
भारत में एक बड़ा क्षेत्र flood-prone है जिसमें गंगा और ब्रह्मपुत्र मुख्य बाढ़ बेसिन हैं। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल सबसे अधिक flood-prone राज्य हैं। बैठक में लिए गए निर्णय देश के लाखों लोगों की पीड़ा कम करने में एक लंबा सफर तय करेंगे, जिन्हें अपनी फसल, संपत्ति, आजीविका और जीवन पर बाढ़ का प्रकोप झेलना पड़ रहा है।