बिहार में विधान परिषद के आगामी चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करने के राष्ट्रीय जनता दल के ‘एकतरफा’ फैसले ने राज्य में अपने गठबंधन सहयोगियों से तीखी प्रतिक्रियाएँ मिल रही है।
लालू प्रसाद यादव की पार्टी द्वारा सहयोगियों के साथ ‘बिना किसी परामर्श के’ उम्मीदवारों की सूची की घोषणा के बाद राजद के सहयोगियों ने कड़ा विरोध व्यक्त किए हैं।
भाकपा (माले) ने विपक्ष के नेता और राजद नेता तेजस्वी यादव को एक पत्र लिखा और उन्हें पिछले आश्वासन की याद दिलाई कि गठबंधन उच्च सदन में प्रतिनिधित्व के लिए वाम दल पर विचार करेगा। मालुम हो कि भाकपा (माले) के बिहार विधानसभा में 12 विधायक हैं।
भाकपा (माले) के मीडिया प्रभारी कुमार परवेज ने कहा- ‘हमने तेजस्वी यादव को एक पत्र भेजकर याद दिलाया है कि विधानसभा चुनावों में हमारी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन के बाद उन्होंने सहमति व्यक्त की थी कि भाकपा-माले विधान परिषद में सदस्य होने के योग्य हैं और समय आने पर इस संबंध में हमारी मदद करने का वादा किया है।’
परवेज ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने अपनी पीड़ा व्यक्त की क्योंकि राजद ने MLC चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों पर फैसला करते समय भाकपा (माले) से सलाह नहीं ली और अनुरोध किया कि पार्टी ‘अभी भी समय होने पर पुनर्विचार करें’।
विधानपरिषद की तीन सीटों पर @RJDforIndia की ओर से प्रत्याशियों की एकतरफा घोषणा दुर्भाग्यपूर्ण तथा गठबंधन की मर्यादा के प्रतिकुल.
राजद नेतृत्व से हमारा पुनः आग्रह है कि इस फैसले पर पुनर्विचार करे और माले की चिरलंबित दावेदारी के प्रति सकारात्मक फैसला ले! @yadavtejashwi— CPIML Liberation, Bihar (@CPIMLBIHAR) May 30, 2022
कांग्रेस ने राजद को याद दिलाया कि उसके पास विधान सभा में ‘अपने दम पर’ निर्वाचित होने के लिए आवश्यक संख्या नहीं थी।
Grand Old Party ने राजद के साथ चुनाव लड़ा था क्योंकि वह सितंबर-अक्टूबर 2021 में दो सीटों पर उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से नाखुश थी।कांग्रेस दो सीटों में से एक पर चुनाव लड़ना चाहती थी। तब खबरें सामने आई थीं कि पूर्व भाकपा नेता कन्हैया कुमार को शामिल किए जाने से राजद कांग्रेस से नाराज है।
सीएलपी नेता अजीत शर्मा ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा- ‘राजद ने पिछले साल अपनी ज़िद से कुछ हासिल नहीं किया था। उसने विधानसभा में दो सीटों पर चुनाव लड़ने पर जोर दिया और दोनों हार गए। अब वह विधान परिषद में तीन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है। वह इन सीटों को जीतने की उम्मीद नहीं कर सकता जब तक कि वह सम्मान नहीं दिखाता। कांग्रेस और वाम दलों और उनका समर्थन हासिल करते हैं।’