देश में सबसे ज्यादा अपराध उत्तर प्रदेश में होता है। लेकिन जब से योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता संभाली है उनके तेवर अपराधियों के प्रति काफी सख्त नजर आ रहे है। अपराधियों पर लगाम कसने के लिए यूपी सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
पिछले साल मार्च में सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक पुलिस मुठभेड में करीब 38 कथित अपराधियों की मौत हो चुकी है। वहीं पिछले 25 दिनों में हुई कुल 60 मुठभेड़ में आठ जनों की मौत हो चुकी है। हाल ही में गुरूवार को यूपी पुलिस ने संदिग्ध अपराधी को गोली मारकर मार गिराया था।
डीजीपी मुख्यालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 20 मार्च 2017 से लेकर 31 जनवरी 2018 के बीच कुल 1142 मुठभेड़ दर्ज हुए है। जबकि पिछले 25 दिनों में हुए 60 मुठभेड़ों में आठ लोगों की मौत हो गई है। मार्च 2017 से लेकर अब तक 38 अपराधी मारे जा चुके है।
पुलिस ने कुल अब तक 2744 अपराधियों की गंभीर अपराधों के लिए धरपकड़ की है। मुठभेड करने के लिए करीब 265 आम लोगों के साथ 247 पुलिसकर्मी भी घायल हुए है।
बीजेपी सरकार से पहले सपा सरकार में अपराध का ग्राफ चरम पर था। यूपी में हमेशा से ही अपराधियों का बोलबाल रहा है। इसलिए ही योगी सरकार अब अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन में नजर आ रही है। लेकिन लगातार हो रहे मुठभेड पर सवालिया निशान उठाते हुए विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर हमला बोला है।
राज्य की विधानसभा और विधान परिषद में समाजवादी पार्टी ने कहा कि फर्जी मुठभेड़ों में बेगुनाहों को मारना बंद तत्काल बंद कर देना चाहिए। इस पर योगी ने सपा को अराजक पार्टी कहते हुए जमकर निशाना साधा। मुठभेड के चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी यूपी सरकार को नोटिस भेजकर मुठभेड में मरे अपराधियों की पूरी जानकारी मांगी है।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में योगी ने कहा था कि वो प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने के लिए अपराधियों को नहीं बख्शेंगे। योगी ने साफ तौर पर कहा था कि राज्य के अपराधियों को या तो पुलिस मुठभेड में मार दिया जाएगा या फिर जेल में भेज दिया जाएगा।