नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है। राजीव कुमार पांच साल पहले भारत के थिंक टैंक में नियुक्त हुए थे। उनकी जगह सुमन बेरी ने ली है जो एक अर्थशास्त्री हैं।
कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार कैबिनेट नियुक्ति समिति ने राजीव कुमार के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है और सुमन बेरी को नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। 1 मई से बेरी नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
*The Appointments Committee of the Cabinet (ACC) has approved the following:*
(i) Accepting the resignation of Dr. Rajiv Kumar and relieving him from the post
of the Vice-Chairperson, NITI Aayog w.e.f. 30.04.2022; pic.twitter.com/Us0QX8FDzr— DD News (@DDNewslive) April 22, 2022
राजीव कुमार एक अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने अगस्त 2017 में नीति आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने तत्कालीन उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया की जगह ली थी। नीति आयोग छोड़ने के बाद पनगढ़िया अकादमियां लौट गए थे। राजीव कुमार ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में DPhil और लखनऊ विश्वविद्यालय से PhD की पढाई पूरी की है। वह सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर फेलो भी कार्यरत रह चुके हैं।
राजीव कुमार की जगह लेने वाली सुमन बेरी ने 2001 से 2011 तक नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) के महानिदेशक के रूप में कार्य किया है।
NCAER का स्थापना 1956 में हुआ है। यह भारत का सबसे पुराना और सबसे बड़ा स्वतंत्र, नॉन-प्रॉफिटेबल, आर्थिक नीति अनुसंधान संस्थान है। विकास, मैक्रो, व्यापार और आर्थिक नीति इत्यादि क्षेत्रों में NCAER के काम का फोकस नीतिगत विकल्पों का समर्थन और सूचित करने के लिए अनुभवजन्य साक्ष्य तैयार करना और उनका विश्लेषण करना है। यह वैश्विक स्तर पर कुछ थिंक टैंकों में से एक है जो गहन डेटा संग्रह क्षमताओं के साथ विश्लेषण और पालिसी आउटरीच को जोड़ती है।
सुमन बेरी दिल्ली स्थित सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में सीनियर विजिटिंग फेलो हैं। एशिया प्रोग्राम में वुडरो विल्सन इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्कॉलर्स ग्लोबल फेलो हैं। वह ब्रसेल्स स्थित आर्थिक नीति अनुसंधान संस्थान ब्रूगल में एक नॉन-रेजिडेंट फेलो हैं।
वह प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद, भारतीय सांख्यिकी आयोग और मौद्रिक नीति पर भारतीय रिजर्व बैंक की तकनीकी सलाहकार समिति के सदस्य भी थे।