कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने रविवार को द न्यू यॉर्क टाइम्स ( The New York Times) में छपी एक रिपोर्ट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। NYT की रिपोर्ट के अनुसार भारत सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अतिरिक्त कोविड से हुई मौतों पर अपना अनुमान प्रकाशित करने के प्रयासों को रोक रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएचओ के मापदंड से भारत में कोरोना वायरस से संबंधित मामलों में मरने वालों की संख्या आधिकारिक संख्या से लगभग आठ गुना ज़्यादा है।
इस बात का मुद्दा जनता के सामने व मोदी जी को घेरते हुए, Congress President रह चुके राहुल गाँधी ने कहा:
“मोदी जी ना सच बोलते हैं, ना बोलने देते हैं।
वो तो अब भी झूठ बोलते हैं कि oxygen shortage से कोई नहीं मरा!
मैंने पहले भी कहा था – कोविड में सरकार की लापरवाहियों से 5 लाख नहीं, 40 लाख भारतीयों की मौत हुई। फ़र्ज़ निभाईये, मोदी जी – हर पीड़ित परिवार को ₹4 लाख का मुआवज़ा दीजिए।”
राहुल गांधी ने NYT के लेख का एक स्क्रीनग्रैब पोस्ट किया, जिसका शीर्षक था ‘इंडिया इज़ स्टालिंग डब्ल्यूएचओ एफ्फोर्ट्स तो मेक ग्लोबल कोविड डेथ टोल पब्लिक’ (भारत वैश्विक कोविड की मौत को सार्वजनिक करने के डब्ल्यूएचओ के प्रयासों को रोक रहा है : हिंदी अनुवाद)।
मोदी जी ना सच बोलते हैं, ना बोलने देते हैं।
वो तो अब भी झूठ बोलते हैं कि oxygen shortage से कोई नहीं मरा!
मैंने पहले भी कहा था – कोविड में सरकार की लापरवाहियों से 5 लाख नहीं, 40 लाख भारतीयों की मौत हुई।
फ़र्ज़ निभाईये, मोदी जी – हर पीड़ित परिवार को ₹4 लाख का मुआवज़ा दीजिए। pic.twitter.com/ZYKiSK2XMJ
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 17, 2022
टीएमसी एमपी ने भी ट्विटर पर कहा:
“झूठ बोलने और डेटा प्रकाशन को रोकने से सच खत्म नहीं हो जाता। भारत अधिकारी कोविड की मौत 5.2 लाख- डब्ल्यूएचओ का अनुमान इस आंकड़े का 8 गुना है।
आइए तथ्यों का सामना करें और उनसे सीखें। 56 इंच 56 लाख को मुखौटा नहीं लगा सकते।” ( हिंदी अनुवाद )
Lying and stalling data publication doesn’t make truth go away.
India official Covid death is 5.2 lakhs- WHO estimate is 8 times this figure.Let’s face facts & learn from them.
56 inches can’t mask 56 lakhs.— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) April 17, 2022
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी किया बयान :
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सरकार ने कोविड-19 से हुई मौतों का WHO द्वारा हुए आकलन के तरीके पर आपत्ति जताई है। मंत्रालय ने कहा कि भारत जैसे बड़े देश और छोटी आबादी वाले अन्य देशों के लिए कोविड मृत्यु दर की गणना के लिए एक ही गणितीय मॉडल का उपयोग सही नहीं है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “भारत इस मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) के साथ नियमित एवं गहन तकनीकी आदान-प्रदान कर रहा है। हालांकि इस विश्लेषण में टियर-1 देशों से सीधे तौर पर प्राप्त मृत्यु दर के आंकड़ों का उपयोग किया गया है और टियर-2 देशों (जिसमें भारत शामिल है) के लिए गणितीय मॉडलिंग प्रक्रिया का उपयोग किया गया है। मुख्य तौर पर भारत की आपत्ति परिणाम (जो कुछ भी हो सकता है) के लिए नहीं बल्कि इसके लिए अपनाई गई कार्यप्रणाली के लिए है।”
“भारत जैसे भौगोलिक आकार और जनसंख्या वाले देश के लिए सांख्यिकीय मॉडल परियोजनाओं का अनुमान कैसे लगाया गया है और यह उन अन्य देशों के साथ भी फिट बैठता है जिनकी आबादी कम है। इस प्रकार सभी दृष्टिकोण और मॉडलों के लिए एक ही आकार ट्यूनीशिया जैसे छोटे देशों के लिए सही है लेकिन 1.3 अरब आबादी वाले भारत जैसे देश के लिए यह लागू नहीं हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने अभी तक विभिन्न देशों में वर्तमान सांख्यिकीय मॉडल के लिए कॉन्फिडेंस इंटरवल को साझा नहीं किया है।”
यह मॉडल टियर-1 देशों के डेटा का उपयोग करते समय और 18 भारतीय राज्यों के गैर-सत्यापित डेटा का उपयोग करते समय अतिरिक्त मृत्यु दर अनुमान के लिए दो बिल्कुल अलग आंकड़े देता है। इस प्रकार अनुमानों में व्यापक भिन्नता ऐसे मॉडलिंग की वैधता और सटीकता के बारे में चिंता पैदा करती है।”
सरकार ने रिपोर्ट में एक वाक्य पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा है कि NYT भारत के लिए WHO के अतिरिक्त कोविड -19 मृत्यु दर के आंकड़े प्राप्त कर सकता है, लेकिन “अन्य देशों के अनुमानों को जानने में असमर्थ” था।