केंद्रीय मंत्री ने कहा माधवपुर न सिर्फ भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी जी के विवाह की साक्षी स्थली है,बल्कि यह भारत के पूर्वोत्तर और पश्चिम प्रदेशों के सांस्कृतिक मिलन का स्थल भी है
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को गुजरात में चार दिवसीय माधवपुर घेड़ मेले के तीसरे दिन भाग लिया। इस कार्यक्रम में मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बीरेन सिंह और गुजरात सरकार के मंत्री भी उपस्थित थे। श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमारी सरकार ने भारत की खोई हुई सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम किया है।
माधवपुर मेला भारत की सांस्कृतिक विरासत,विविधता में एकता व एक भारत,श्रेष्ठ भारत का अनुपम उदाहरण है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री @NBirenSingh जी व अन्य गणमान्यों के साथ गुजरात के प्रसिद्ध माधवपुर मेले में मणिपुर व गुजरात की कला-संस्कृति को करीब से देखने समझने का सुअवसर प्राप्त हुआ। pic.twitter.com/mnBYIkm9Ul
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) April 12, 2022
माधवपुर घेड महोत्सव 10 से 13 अप्रैल 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया गया था और गुजरात सरकार द्वारा संस्कृति मंत्रालय और पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के साथ साझेदारी में आयोजित किया जा रहा है।
इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि माधवपुर घेड महोत्सव भारत के लोगों को जोड़ने का सर्वोच्च प्रतीक है और यह त्योहार देश के सुदूर पूर्व और पश्चिम को एक साथ लाता है। उत्तर-पूर्व के राज्यों में किए जा रहे विकास कार्यों पर बोलते हुए श्री ठाकुर ने कहा कि Look East Policy को NDA सरकार ने Act East Policy बनाया है। यह इसी का परिणाम है कि भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों ने बुनियादी ढांचे और सुविधाओं में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने भारत की खोई हुई सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम किया है। एक तरफ केदारनाथजी मंदिर ने उत्थान हुआ है वहीं सोमनाथ मंदिर की भव्यता ने नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। मंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, राम मंदिर निर्माण और चार धाम के सौंदर्यीकरण पर केंद्र सरकार द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा किया।
मंत्री ने कहा कि 1947 में भारत को राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। लेकिन सांस्कृतिक स्वतंत्रता हासिल नहीं हुई और 2014 में ही सांस्कृतिक राष्ट्रवाद राजनीतिक विमर्श का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया। मंत्री ने वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़ने का आह्वान किया और कहा कि यह हमारी जिम्मेदारी है कि हमारी सांस्कृतिक विरासत की कहानियों को जनता के बीच प्रचारित किया जाए। मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री द्वारा स्थापित सौहार्दपूर्ण संबंध बताता है कि अबू धाबी में अब एक भव्य स्वामी नारायण मंदिर होगा।