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    WHO ने देशों में हो रहे कम परीक्षण दर पर जताई चिंता ; कहा Covid अभी गया नही है

    COVID ​​​​-19 मामलों में वैश्विक वृद्धि दिखाने वाले आंकड़े बहुत बड़ी चिंता का कारण बन सकते हैं क्योंकि कुछ देशों में परीक्षण दरों में भारी गिरावट रिपोर्ट की जा रही है, डब्ल्यूएचओ ( WHO) ने मंगलवार को राष्ट्रों को वायरस के खिलाफ सतर्क रहने की चेतावनी दी।

    एक महीने से अधिक की गिरावट के बाद, पिछले हफ्ते दुनिया भर में Covid -19 के नए मामले तूल पकड़ने लगे है, डब्ल्यूएचओ ने कहा।  एशिया और चीन के जिलिन प्रांत में लोग तालाबंदी में जीवन जी रहे हैं।

    डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा कि कई वजहों से Covid -19 के मामले बढ़ रहे है। इनमे से कुछ कारण है —  तेज़ी से फैलने वाला ओमाइक्रोन संस्करण और इसका बीए.2 उप-वर्ग, और सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक दूरी में सरकारों का ढ़ील देना।   

    डब्ल्यूएचओ (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने संवाददाताओं से कहा, “ये वृद्धि कुछ देशों में परीक्षण में कमी के बावजूद हो रही है, जिसका अर्थ है कि हम जो मामले देख रहे हैं वे सिर्फ एक झलक हैं।”

    डब्ल्यूएचओ (WHO) के अधिकारियों ने कहा कि कुछ देशों में कम टीकाकरण दर, आंशिक रूप से “गलत सूचना की भारी मात्रा” भी इस वृद्धि को समझने में कारगर है।  

    पिछले सप्ताह की तुलना में वैश्विक स्तर पर नए संक्रमणों में 8% की वृद्धि हुई, जिसमें ११० लाख नए मामले आये है।  जबकि 7-13 मार्च तक केवल 43,000 से अधिक मौतें हुईं। जनवरी के अंत के बाद यह पहली वृद्धि है।

    किन देशों में बढ़ा है Covid-19  का संकट? 

    डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सबसे बड़ी छलांग दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों में देखि गयी है, जहां  नए COVID -१९ मामलों में 25% और मौतों में 27% की वृद्धि हुई।

    अफ्रीका में नए मामलों में 12% और मौतों में 14% की वृद्धि देखी गई और यूरोप में मामलों में 2% की वृद्धि देखि गयी है हालांकि मौतों में कोई उछाल नहीं आया। अन्य क्षेत्रों ने मामलों में गिरावट दर्ज की, जिसमें पूर्वी भूमध्यसागरीय (mediterranean) क्षेत्र भी शामिल है।  गौर करने की बात यह है कि  इस क्षेत्र में संक्रमण में पिछले स्पाइक से जुड़ी मौतों में 38% की वृद्धि देखी गई है।

    कई विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम में मार्च की शुरुआत से मामले बढ़ने के साथ यूरोप में एक और कोरोनोवायरस लहर का सामना करना पड़ सकता है।

    WHO की मारिया वान केरखोव ने ब्रीफिंग में कहा कि BA.2 अब तक का सबसे तेज़ी से फैलने वाला संस्करण प्रतीत होता है।

    हालांकि, इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि यह अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

    जो यूरोप में देखा गया वो ज़रूरी नहीं कि बाकी देशों में भी देखा जाये। उदाहरण के लिए, डेनमार्क ने फरवरी की पहली छमाही में मामलों में एक संक्षिप्त शिखर देखा, जो BA.2 (BA.2 VARIANT) द्वारा संचालित था, जो जल्दी से कम हो गया था।

    परन्तु विशेषज्ञों ने संयुक्त राज्य अमेरिका को सचेत होने के लिए कहा है क्यूंकि उनका मनना है कि वह  जल्द ही यूरोप में देखी गई COVID की लहर अपने देश में भी देख सकता है, जो संभावित रूप से BA.2 (BA.2 VARIANT) द्वारा संचालित है। 

    इटली के पडुआ विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर एंटोनेला वियोला ने कहा, “मैं प्रतिबंधों में ढील से सहमत हूं, क्योंकि आप इसे दो साल बाद आपातकाल के रूप में नहीं सोच सकते।”

    “हमें बस यह सोचने से बचना होगा कि COVID अब नहीं है। और इसलिए कड़ाई से आवश्यक उपाय बनाए रखें, जो अनिवार्य रूप से मामलों की निरंतर निगरानी और ट्रैकिंग, और बंद या बहुत भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनने के दायित्व का रखरखाव है।”

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