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    कांग्रेस ने हिजाब विवाद और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज (आरडीपीआर) मंत्री ईश्वरप्पा की टिप्पणियों को लेकर सरकार पर दबाव बनाए रखा है। विधायकों द्वारा ईश्वरप्पा के खिलाफ विरोध जारी है। यह विरोध गुरुवार को ईश्वरप्पा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर शुरू हुआ है। विरोध करने वाले विधायक विधानसभा के अंदर रात बिता रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच द्वंद्व ने विधायिका के चल रहे संयुक्त सत्र के गतिरोध पैदा किया है, जो 14 फरवरी से शुरू हुआ और 25 फरवरी तक चलने वाला है।

    कर्नाटक विधान सभा के अध्यक्ष कागेरी ने कहा-“मैं कांग्रेस को याद दिलाना चाहूंगा कि आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है, जो हिंदुओं को संगठित करने की कोशिश कर रहा है और उन्हें इसका समर्थन करना चाहिए। क्या सदन में किसी भी मुद्दे के लिए आरएसएस को दोषी ठहराया जाना चाहिए?” राष्ट्रीय ध्वज को भगवा रंग से बदलने के बारे में उनकी विवादास्पद टिप्पणी पर कांग्रेस नेताओं ने राज्य मंत्री केएस ईश्वरप्पा को हटाने की मांग की है। हरीश की हत्या के बाद कांग्रेस ने गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र के इस्तीफे की मांग की है।

    रविवार रात बेंगलुरु से करीब 300 किलोमीटर दूर शिवमोग्गा जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ता हरीश की हत्या को लेकर कांग्रेस और भाजपा में आमना-सामना हुआ। यह हत्या ने दोनों समूहों और समुदायों के बीच गरमागरम बहस छेड़ दी है। इस समस्या के लिए दोनों समूह के एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहा हैं।

    सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सदस्य आवेश में आ गए और ईश्वरप्पा के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। पूरा सदन  “डाउन, डाउन भाजपा”, “ससपेंड ईश्वरप्पा”, “ईश्वरप्पा देश द्रोही (गद्दार)”, “डाउन देश द्रोही भाजपा सरकार”, “अध्यक्ष न्याय दें”, “यह सरकार आरएसएस की कठपुतली है”, “हम संविधान चाहिए, मनुवाद नहीं ” जैसे नारों से गूँज उठा।

    अध्यक्ष ने कहा कि सदन के नेता बसवराज बोम्मई और विपक्ष के नेता के साथ अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाकर, सदन की कार्यवाही के सुचारू संचालन के लिए उनके द्वारा कई प्रयास किए गए हैं, लेकिन यह कारगर सिद्ध नहीं हो पाया। अध्यक्ष ने कहा- “लोकतंत्र में मतभेद होना आम बात है, लेकिन हम इस सदन की कार्यवाही का संचालन करने के लिए बाध्य हैं। अगर सरकार आपकी मांगों पर सहमत नहीं है, तो बाहर विरोध करें और सदन को चलाने में सहयोग करें। हमें विकास के मुद्दों और लोगों के मुद्दों पर चर्चा चाहिए।”

    हंगामे के बीच, भाजपा सरकार चार कानून पारित करने में सफल रही – कर्नाटक सिविल सेवा (2011 बैच के राजपत्रित परिवीक्षाधीनों के चयन और नियुक्ति का सत्यापन) विधेयक, 2022; कर्नाटक स्टाम्प (संशोधन) विधेयक, 2022; कर्नाटक स्टाम्प (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022; आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश, 1944, (कर्नाटक संशोधन) विधेयक, 2022।  

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