त्रिनमूल कांग्रेस के विधायक पश्चिम बंगाल के गवर्नर, केसरी नाथ त्रिपाठी के खिलाफ शिकायत लेकर आज गृह मंत्री के पास गए थे। उन्होंने गवर्नर पर अपनी ‘कार्य सीमा’ के बाहर जाकर आदेश देने एवं मनमानी करने का आरोप लगाया। गवर्नर के इस व्यवहार को उन्होंने ‘असंवैधानिक’ बताया और गृह मंत्री को इस मामले में संज्ञान लेने को कहा।
त्रिनमूल कांग्रेस के विधेयकों के इस दल के नेता, सांसद सुदीप बंदोपाध्याय थे। बंदोपाध्याय ने गृह मंत्री से संसद भवन और में मुलाकात की। उन्होंने बताया कि, कैसे त्रिपाठी ने राज्य की कानून व्यवस्था पर होने वाली एक अहम बैठक में राज्य सरकार को नजरअंदाज कर दिया।
विधायकों ने राजनाथ सिंह को बताया कि, “गवर्नर के मुख्य सचिव ने मालदा डिवीजनल कमिश्नर को 31 जनवरी को एक चिट्ठी लिखकर यह निर्देश दिए थे की वह, मुर्शिदाबाद के इंस्पेक्टर जनरल आॅफ पुलिस को बैठक में शामिल होने की जानकारी दें। यह बैठक जिले और बार्डर के इलाके की कानून व्यवस्था के विषय में थी।”
बंदोपाध्याय ने आरोपों में आगे कहा कि, यह बैठक राज्य सरकार की जानकारी के बिना बुलाई जा रही थी।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद बंदोपाध्याय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, “क्योंकि कानून व्यवस्था और ऐसे अन्य मामले राज्य सरकार की अथॉरिटी के अंतर्गत आते हैं, तो यह स्वाभाविक होना चाहिए कि कोई भी संवैधानिक संस्था इस अधिकार को इस तरह से नजरअंदाज करेगी।”
राजनाथ सिंह से अपनी मुलाकात के दौरान विधायकों ने गवर्नर त्रिपाठी पर अपनी अधिकार सीमा से बाहर जाकर आदेश देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि, त्रिपाठी ने दूसरे के अधिकार सीमा का हनन करने का प्रयास किया है।
त्रिनमूल कांग्रेस ने इस मामले को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही जगह सख्ती से उठाया। त्रिनमूल कांग्रेस का आरोप है कि यह सब केंद्र के ‘इशारे’ पर हो रहा है।
टीएमसी नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले मे जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है।