बुधवार को वोडाफोन आईडिया (VODAFONE IDEA) के सीईओ (CEO) व एमडी(MD) रविंदर ठक्कर ने कहा कि केंद्र सरकार न तो वोडाफोन आईडिया के बोर्ड में कोई सीट लेगी और न ही संगठन चलाएगी या उसका प्रबंधन करेगी।
CEO रविंदर ठक्कर ने बुधवार को एक मीडिया ब्रीफिंग सम्बोधित करते हुए कहा,”सरकार बहुत स्पष्ट है, वे चाहते हैं कि हम कंपनी (VODAFONE IDEA) चलाएं, वे चाहते हैं कि प्रमोटर कंपनी चलाए और आगे भी हम यही करने का इरादा रखते हैं। सरकार की ओर से बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वे इस कंपनी को नहीं चलाना चाहते हैं। उनकी इस कंपनी के संचालन को संभालने की इच्छा नहीं है। वे बाजार में तीन निजी खिलाड़ी चाहते हैं। वे निश्चित रूप से इसे द्वयधिकार या एकाधिकार नहीं चाहते है।”
यह घोषणा कंपनी द्वारा तब आयी है जब कंपनी ने एक दिन पहले ही समायोजित सकल राजस्व (ADJUSTED GROSS REVENUE) के आस्थगन पर ब्याज के रूपांतरण और लगभग 16,000 करोड़ रुपये की स्पेक्ट्रम किस्तों को EQUITY में बदलने का विकल्प चुन लिया था, जिससे अब सरकार कंपनी में 35.8% की सबसे बड़ी शेयरधारक बन गई है। इस घोषणा की वजह से बुधवार को बीएसई (BSE) पर
Vi (VODAFONE IDEA) के शेयर 9.75% की रिकवरी के साथ 12.95 रुपये के हो गए, जो मंगलवार को 20.54% गिरकर 11.80 रुपये पर बंद हुआ था।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बोर्ड में एक सीट लेगी, वोडाफोन आइडिया (VODAFONE IDEA) के CEO रविंदर ठक्कर ने स्पष्ट किया कि दूरसंचार विभाग द्वारा ब्याज को EQUITY में बदलने के विकल्प पर जारी पत्र में किसी भी शर्त का बखान नहीं किया गया है जो सरकार को बोर्ड में सीट देने की अनुमति देता है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया,”सरकार ने कोई इरादा नहीं दिखाया है कि वे किसी भी सदस्य को बोर्ड के लिए नामित करे और हम बोर्ड में सरकार के किसी भी सदस्य के होने की उम्मीद नहीं करते हैं। इसलिए कंपनी का बोर्ड जारी रहेगा और सभी संचालन वैसे ही आगे चलेंगे जैसा चलते आएं हैं।