वामपंथी गेब्रियल बोरिक चिली के राष्ट्रपति चुने गए हैं और उन्होंने 56 % वोट हासिल कर चिली प्रेसिडेंटिअल इलेक्शन (Chile Presidential Elections ) (राष्ट्रपति चुनाव) अपने नाम कर इतिहासिक एकतरफ़ा जीत दर्ज़ की। गेब्रियल ने असमानता और गरीबी जैसे मुद्दे उठाएं व उन्हे दूर करने का आश्वासन दिया जिसके चलते वे चिली के राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। इस युवा नेतृत्व वाली समावेशी सरकार के गठन के लिए उन्होंने कई महीनों तक मेहनत व कमरतोड़ प्रयास किये। परिणामस्वरूप वे चिली के इतने काम उम्र के राष्ट्रपति बन पाए ।
गेब्रियल बोरिक के अनुसार दशको पहले के तानाशाह ऑगस्टो पिनोशे की नीतियों का नतीजा है कि चिली में असामनता व गरीबी का सैलाब है । गौरतलब है कि 2012 में चिली में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान मतदान अनिवार्य कर दिए गए थे और किसी भी चिली नेता को इतना बड़ा जनता का समर्थन नहीं मिला है जो 35 साल के युवा नेता, बोरिक ने अकेले ही बटोरा है ।
चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद गेब्रियल समर्थकों की भारी भीड़ का अभिवादन करने मंच पर आये और सबका शुक्रिया अदा किया। इस 35 साल के युवा नेता ने दक्षिणपंती जोस अंटोनिओ को भारी बहुमत हासिल कर हराया।