सरकार ने बुधवार को आगामी रबी मौसम के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर ₹2,015 प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले साल के ₹1,975 प्रति क्विंटल की दर से 2% अधिक है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति के फैसले पर एक बयान में कहा गया है कि सरसों, कुसुम और मसूर दाल जैसे तिलहन और दालों में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए एमएसपी में 8% तक की बढ़ोतरी हुई है।
एमएसपी वह दर है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। वर्तमान में आगामी रबी या सर्दियों के मौसम के दौरान छह फसलों सहित कुल 23 फसलों के लिए दरें तय की गई हैं जिनकी बुवाई अक्टूबर में शुरू होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार ने रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि कर किसानों के हित में एक और बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह किसानों के लिए अधिकतम लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा और उन्हें बुवाई कार्यों के लिए भी प्रोत्साहित करेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि यह फैसला इस बात का सबूत है कि सरकार एमएसपी प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त किसान मोर्चा के तहत विरोध कर रहे फार्म यूनियनों ने बताया कि मुद्रास्फीति की दर अधिकांश फसलों के लिए एमएसपी वृद्धि से अधिक थी। यह तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि वास्तविक रूप से गेहूं के लिए एमएसपी में 4% की गिरावट आई है।
यह सभी यूनियन अब तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध के दसवें महीने में हैं। उनका दावा है कि यह कानून एमएसपी शासन को नुकसान पहुंचाएंगे और साथ में उन्होंने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की भी मांग की है।
कृषि मंत्री ने एक बयान में कहा, “कुछ लोग जो यह भ्रम फैला रहे हैं कि एमएसपी को खत्म कर दिया जाएगा उन्हें भी इस फैसले से सीख लेनी चाहिए। नए कृषि सुधार कानूनों के पारित होने के बाद न केवल एमएसपी की दरों में वृद्धि हुई है बल्कि सरकार द्वारा खरीद में भी लगातार वृद्धि हुई है।”
केंद्र सरकार के अनुसार 2022-23 के आगामी विपणन सत्र के लिए गेहूं के उत्पादन की लागत ₹1,008 प्रति क्विंटल है, जिसका अर्थ है कि ₹2,015 के नए एमएसपी के परिणामस्वरूप 100% रिटर्न मिलेगा। रेपसीड और सरसों के किसान, जिन्होंने एमएसपी में 8.6% या ₹400 प्रति क्विंटल की वृद्धि देखी, ₹5,050 प्रति क्विंटल की दर से भी 100% रिटर्न की उम्मीद कर सकते हैं। मसूर दाल में भी ₹400 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी देखी गई, जिसका अर्थ है कि दाल के लिए एमएसपी पिछले साल की तुलना में 7.8% अधिक होगा और यह उत्पादन लागत पर 79% रिटर्न देगा। चने के एमएसपी में भी 2.5% की बढ़ोतरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप 74% रिटर्न मिलेगा।