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    तालिबान (Taliban) ने मंगलवार को अपनी सरकार के शीर्ष सदस्यों की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम है जो अफगानिस्तान पर उनकी शक्ति को मजबूत करेगा और काबुल पर नियंत्रण करने के लगभग एक महीने बाद उनके नए शासन की शुरुआत करेगा।

    मंगलवार शाम को तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नई सरकार अभी अंतरिम होगी और तालिबान के दिग्गज और शूरा परिषद के प्रमुख मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद इसके कार्यवाहक प्रधान मंत्री के रूप में काम करेंगे। मुल्ला अखुंद ने पहले तालिबान शासन के तहत उप विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था और संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में है।

    आंतरिक मंत्री का पद खतरनाक हक्कानी नेटवर्क के नेता सिराजुद्दीन हक्कानी को दिया गया है जो तालिबान के उप नेता के रूप में भी कार्य कर रहा है।

    तालिबान के सह-संस्थापक अब्दुल गनी बरादर इसके उपनेता होंगे। इससे पहले उन्होंने यू.एस. वापसी समझौते पर हस्ताक्षर की देखरेख करते हुए राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख के रूप में कार्य किया था। तालिबान के संस्थापक और दिवंगत सर्वोच्च नेता मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला याकूब को रक्षा मंत्री बनाया गया है। वहीं मुजाहिद ने कहा कि, “यह मंत्रिमंडल अभी पूरा नहीं है और अभी सिर्फ कार्यवाहक के तौर पर काम कर रहा है। हम देश के अन्य हिस्सों से लोगों को लेने की कोशिश करेंगे।”

    नई लाइन-अप की घोषणा के तुरंत बाद तालिबान के गुप्त सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदज़ादा ने अपने पहले संदेश में नवनियुक्त सरकार को शरिया कानून को बनाए रखने के लिए कहा। कभी सार्वजनिक रूप से नहीं देखे गए अखुंदजादा ने अंग्रेजी में जारी एक बयान में कहा, “मैं सभी देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि ये सभी नेता देश में इस्लामी नियमों और शरिया कानून को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।” उन्होंने अफ़गानों से कहा कि नया नेतृत्व “स्थायी शांति, समृद्धि और विकास” सुनिश्चित करेगा। इसके साथ उन्होंने बोला कि “लोगों को देश छोड़ने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।”

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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