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    दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा रेखा विवाद सोमवार को हिंसक रूप लेने के बाद मिजोरम के समकक्षों के साथ गोलीबारी में असम के छह पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। सीमावर्ती शहर वैरेंगटे में हुई झड़पों में असम के कम से कम 60 लोग घायल हो गए।

    यह घटना केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मेघालय की राजधानी शिलांग में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ अंतर्राज्यीय सीमा विवादों को सुलझाने के लिए हुई बैठक से दो दिन से भी कम समय में हुई।

    घायलों में असम के कछार जिले के पुलिस अधीक्षक निंबालकर वैभव चंद्रकांत और जिले के ढोलई पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि एसपी अभी आईसीयू में हैं और उन्हें इलाज के लिए मुंबई को एयरलिफ्ट किया जा सकता है। मारे गए लोगों में उनके निजी सुरक्षा अधिकारी लिटन सुक्लाबैद्य भी शामिल हैं।

    असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (जिनके पास गृह विभाग है) ने ट्वीट किया कि, “मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि असम पुलिस के छह बहादुर जवानों ने असम-मिजोरम सीमा पर हमारे राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”

    मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने कहा कि घटनाओं की श्रृंखला सुबह 11.30 बजे शुरू हुई जब असम के कुछ 200 पुलिसकर्मी वैरेंगटे ऑटोरिक्शा स्टैंड पर आए और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और मिजोरम पुलिस कर्मियों के एक वर्ग की ड्यूटी पोस्ट को “जबरन” बंद कर दिया। 164.6 किलोमीटर लंबी असम-मिजोरम सीमा पर विवादित हिस्सों पर सीआरपीएफ को तटस्थ बल के रूप में तैनात किया गया है।

    उन्होंने कहा कि, “असम पुलिस ने मिजोरम जाने वाले कुछ वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया और आगजनी की। उन्होंने हमारे अधिकारियों की एक नहीं सुनी और आंसू गैस के गोले और हथगोले फेंके और शाम करीब साढ़े चार बजे फायरिंग शुरू कर दी।”

    उन्होंव बताया कि, “मिजोरम पुलिस ने जवाबी फायरिंग कर सहज प्रतिक्रिया दी। असम पुलिस की आक्रामकता ने दुर्भाग्यपूर्ण झड़प की शुरुआत की। केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करने के बाद असम पुलिस वापस चली गई और ड्यूटी पोस्ट सीआरपीएफ को वापस सौंप दिया गया।”

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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