नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने देश की कमान संभाल ली है। राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उनको प्रधानमंत्री पद पर मंगलवार को नियुक्त कर दिया। देउबा की यह नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई। पांचवीं बार नेपाल के पीएम बनने वाले देउबा को भारत समर्थक माना जाता है।
चुनाव आयोग ने नवंबर में होने वाले संसदीय चुनाव किए स्थगित
इस बीच, इस हिमालयी देश के चुनाव आयोग ने 12 और 19 नवंबर को होने वाले संसदीय चुनावों को स्थगित कर दिया। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के उस आदेश को पलट दिया, जिसमें गत 21 मई को उन्होंने संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को भंग कर दिया था। साथ ही 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रपति ने नियुक्त किया प्रधानमंत्री, देउबा ने ली पद की शपथ
कोर्ट ने संसद को बहाल करने के साथ विपक्षी नेता देउबा को मंगलवार तक प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया था। राष्ट्रपति भंडारी के निजी सचिव भेश राज अधिकारी ने पत्रकारों को बताया, ‘सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के तहत राष्ट्रपति ने देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। उनको शाम को इस पद की शपथ दिलाई गई।’
चार बार पीएम रह चुके हैं देउबा
शेर बहादुर देउबा नेपाल के वरिष्ठ राजनेता हैं। वे अबतक नेपाल की प्रमुख विपक्षी नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष थे। देउबा इससे पहले चार बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। ऐसे में उनके पास सरकार चलाने का बहुत अनुभव है। नेपाली कांग्रेस को एकजुट रखने में भी देउबा का कोई जवाब नहीं है। लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पढ़ाई करने वाले देउबा भारत के करीबी नेता भी हैं। नेपाल में राजशाही रहने के दौरान देउबा की राजनीति में दबदबे का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि पार्टी ने उन्हें तब तीन बार प्रधानमंत्री बनवाया था।
ओली ने दिया इस्तीफा, सुप्रीम कोर्ट पर लगाया आरोप
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार, कार्यवाहक प्रधानमंत्री ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा, ‘हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करती है।’ हालांकि इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट पर विपक्षी दलों के पक्ष में जानबूझकर फैसला सुनाने का आरोप भी लगाया। ओली ने कहा कि फैसले का दीर्घकालीन प्रभाव पड़ेगा।