Fri. Nov 22nd, 2024

    कई दिनों तक चली चर्चा के बाद आखिरकार पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में 43 नए मंत्री शामिल हो गए हैं। पश्चिम बंगाल कोटे के मंत्री बाबुल सुप्रियो का इस्‍तीफा लेने के बाद राज्‍य से चार नए चेहरों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। इनमें डॉ सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और नीशीथ प्रमाणिक का नाम शामिल है। इन मंत्रियों ने राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में मंत्री पद की शपथ ली है। नीशीथ प्रामाणिक सिर्फ 35 साल के हैं। वह मोदी सरकार में शामिल होने वाले सबसे युवा मंत्री हैं।

    सुभाष सरकार, शांतनु ठाकुर, जॉन बारला और नीशीथ प्रामाणिक को मंत्री बनाया गया है। हालांकि, ममता ने बाबुल और देबोश्री की विदाई सहित बड़े बदलाव पर तंज भी कसा। देबोश्री के इलाके रायगंज में भाजपा अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। वहीं बाबुल अपना चुनाव भी नहीं जीत पाए थे। साथ ही चुनाव के दौरान ही पार्टी के कुछ फैसलों पर उन्होंने सवाल खड़े किए थे। जानकारों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए सभी समीकरणों को ध्यान में रखकर कैबिनेट में बदलाव किए गए हैं।

    35 साल के नीशीथ सबसे युवा मंत्री

    नीशीथ प्रमाणिक मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले सबसे युवा मंत्री हैं। मात्र 35 साल के प्रमाणिक कूचबिहार सीट से लोकसभा सांसद हैं। राजनीति में आने से पहले वह प्राइमरी स्‍कूल में अध्‍यापक थे। उन्‍होंने बीसीए की डिग्री हासिल की है। उनका जन्‍म जलपाईगुड़ी में हुआ है।

    मतुआ समुदाय का ख्याल

    मोदी सरकार में नए मंत्री बने शांतनु ठाकुर सिर्फ 38 साल के हैं। वह बोगांव लोकसभा सीट से पहली बार के सांसद हैं। वह मतुआ समुदाय के वरिष्‍ठ नेता हैं। मतुआ समुदाय ने विधानसभा चुनाव में भाजपा का जबरदस्त साथ दिया था। लिहाजा समुदाय के नेता के तौर पर शांतनु ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह मिली। उन्‍होंने कर्नाटक ओपन यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में ग्रेजुएशन किया है। उनके पास हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट में डिप्‍लोमा भी है।

    चाय मजदूर रह चुके हैं जॉन बारला

    जॉन बारला अलीपुरद्वार लोकसभा सीट से पहली बार के सांसद हैं। उन्‍होंने उत्‍तरी बंगाल और असम में करीब दो दशक तक चाय मजदूरों के अधिकारों के लिए काम किया है। बेहद साधारण बैकग्राउंड से आने वाले बारला 14 साल की उम्र में चाय मजदूर का काम भी कर चुके हैं। 45 वर्षीय बारला का जन्‍म जलपाईगुड़ी में हुआ है।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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