भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत लाने का इंतजार बढ़ गया है। डोमिनिका हाई कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई स्थगित किए जाने के बाद मेहुल को लेने गई आठ सदस्यीय भारतीय टीम स्वदेश लौट आयी है ।
इस टीम में सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय तथा विदेश मंत्रालय के अधिकारी थे। अधिकारियों का दल कतर एयरवेज के निजी विमान से वापस लौट रहा है। चोकसी के वकीलों ने डोमिनिका हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने गुरुवार को चोकसी की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी, जिसके बाद भारतीय अधिकारियों को लेकर विमान ने तीन जून को स्थानीय समयानुसार रात 8.09 बजे डोमिनिका के मेलविले हाल हवाईअड्डे से उड़ान भरी।
सीबीआई के डीआइजी शरद राउत के नेतृत्व वाला अधिकारियों का दल 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में वांछित चोकसी को भारत वापस लाने के लिए करीब सात दिन तक डोमिनिका में रुका रहा। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस मामले की अगली सुनवाई करीब एक माह बाद हो सकती है। इस दौरान चोकसी डोमिनिका में ही रहेगा। एंटीगुआ न्यूज रूम ने बताया कि चोकसी मामले में न्यायाधीश बर्नी स्टीफेंसन दोनों पक्षों से मुलाकात के बाद सुनवाई की अगली तारीख तय करेंगे।
गुरुवार को सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस से की गई। रोसीयू में हाई कोर्ट परिसर के बाहर खड़े कुछ प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां दिखीं जिनमें से लिखा था कि चोकसी को डोमिनिका कौन लाया। प्रदर्शनकारी इस मामले की सच्चाई जानना चाहते थे। इससे पहले बुधवार को न्यायाधीश ने चोकसी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया था ताकि वह डोमिनिका में अवैध प्रवेश के आरोपों का सामना कर सके।
सीबीआई और ईडी के अधिकारयों को कोर्ट में यह साबित करना है कि चोकसी अभी भी भारतीय नागरिक ही है। उसकी अभी तक नागरिकता खत्म नहीं हुई है। एंटीगा में बसने से पहले चोकसी ने नागरिकता त्यागने के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी नहीं की है।
अपने दावे को मजबूत करने के लिए भारतीय अधिकारी पूरी कागजी तैयारी के साथ डोमिनिका गए हैं। चोकसी का आधार, पैन कार्ड, राशन कार्ड भी इसमें शामिल है, जो तस्दीक करेंगे कि यह भगोड़ा कारोबारी अभी भी भारतीय नागिरक है। ये सभी दस्तावेज कोर्ट में फाइल किए जाएंगे।
62 वर्षीय चोकसी 23 मई को रहस्यमयी परिस्थितियों में एंटीगुआ एवं बारबुडा से गायब हो गया था। बाद में उसे डोमिनिका में अवैध प्रवेश करने पर पकड़ा गया। चोकसी और उसका रिश्तेदार नीरव मोदी भारतीय बैंकों को चूना लगाकर जनवरी, 2018 में देश छोड़कर भाग गए थे। नीरव इस समय लंदन में है और उसको भी वापस लाने का भारतीय सरकार प्रयास कर रही है।