Mon. Nov 18th, 2024
    डंपिंग मैदान

    कचरे से होने वाली बीमारियों व प्रदूषण को लेकर मुंबई सोसायटी ने आमजन के लिए नया आयाम स्थापित किया है। मुंबई के वातावरण प्रदूषित होने से चिंतित लोखंडवाला टाउनशिप में स्प्रिंग लीफ सोसायटी ने इसे दूर करने के लिए अहम जिम्मेदारी उठाई है। दैनिक अपशिष्ट पदार्थों व कचरों को खाली जगह जमीन पर फेंकने व जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को लेकर इस सोसायटी ने अभियान शुरू किया है।

    मुबंई में घर-घर जाकर लोगों को कचरा जलाने व इसे सड़क पर इधर-उधर फेंकने से होने वाले नुकसान के लिए बताया। अभियान का नेतृत्व आरएस श्रीनिवासन, सुभा और मोहम्मद कुरैशी ने किया।

    इन्होंने घर-घर जाकर पडोसियों को अपने कचरे (सूखे व गीले) को अलग करने के लिए कहा। क्योंकि सभी तरह का इकट्ठा कचरा डंपिंग मैदानों में ले जाकर जलाया जाता है जिसे वातावरण प्रदूषित होता है।

    श्रीनिवासन के मुताबिक मिश्रित कचरे को जलाने के कारण हम हवा की खराब गुणवत्ता से बेहद परेशान थे और हमने यह महसूस किया कि हमारे आसपास पर्यावरण की रक्षा करने की हमारी जिम्मेदारी है। इस सोच के साथ हमने अभियान शुरू किया।

    जिसके तहत अभियान के सदस्य आस-पास के घरों में गए और लोगों को सूखा व गीला कचरा को लेकर अलग-अलग करने को कहा। दोनो तरह के कचरों को अलग करने का लोगों से अनुरोध किया। सोसायटी के सदस्यो ने जैविक कचरे को संसाधित करने की योजना भी बनाई है।

    सूखे व गीले कचरों के लिए लोगों को किया प्रेरित

    सूखे व गीले कचरों को अलग करने की योजना इनके दिमाग में मुंबई के डंपिंग ग्राउंड में दो आग की रिपोर्टों को देखने के बाद आई। कचरों के जलाने की वजह से उच्च मीथेन गैस वातावरण में पहुंच गई जिससे वायु प्रदूषण ज्यादा बढ़ गया। इसके बाद इन्होंने कचरो का पुन: उपयोग करने पर जोर दिया।

    स्प्रिंग लीफ सोसायटी ने गीले कचरों का पुन: उपयोग करके उसके मिलने वाले फायदे पर भी जोर दिया। सोसायटी के सदस्य कुरैशी ने बताया कि जब  गीली कचरे को सूखे पत्ते और अखबार के साथ मिला दिया जाता है, तो कार्बन और नाइट्रोजन का एक मिश्रण कई मायने में आवश्यक हो जाता है।

    लगभग 20 किलोग्राम शुष्क अपशिष्ट का इन सोसायटी में दैनिक उत्पादन होता है, जो सभी के द्वारा स्थानीय रिसाइकलिंग वालों को दिया जाता है। इस तरह से अर्जित सभी पैसे स्थानीय हाउसकीपिंग स्टाफ को दे दिए जाते है। स्प्रिंग लीफ सोसायटी इस तरह से डंपिंग ग्राउंड पर रहने वाले कचरों को नियंत्रित करने में काम कर रहा है।