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    इजरायल और फिलिस्तीन के बीच पिछले 11 दिनों से चल रहा खूनी संघर्ष गुरुवार (20 मई) को सीजफायर के बाद थम गया। इसबीच, युद्धविराम लागू होने के बाद गाजा शहर में जश्न मना रहे हजारों लोगों को संबोधित करते हुए हमास के एक वरिष्ठ नेता ने शुक्रवार को इजरायल के साथ संघर्ष में जीत का दावा किया है।

    नेतन्याहू की अध्यक्षता में हुई सिक्यूरिटी कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला

    इजरायली मीडिया के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में हुई सिक्यूरिटी कैबिनेट की बैठक में इस फैसले को मंजूरी प्रदान की गई। याद दिला दें कि हमास के एक शीर्ष कमांडर ने शुक्रवार तक संघर्ष विराम होने की उम्मीद जताई थी।

    हमास ने शुक्रवार तक संघर्ष विराम होने की उम्मीद जताई थी

    हमास के सियासी दफ्तर के वरिष्ठ अधिकारी मूसा अबू मरजौक ने एक लेबनानी टीवी से कहा था, ‘मुझे लगता है कि संघर्ष विराम को लेकर चल रहे प्रयास सफल होंगे। मुझे उम्मीद है कि आपसी सहमति से एक-दो दिन में संघर्ष विराम के लिए समझौता हो सकता है।’

    दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया

    गाजा के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय का कहना है कि 10 मई से शुरू हुए संघर्ष में 232 फलस्‍तीनी नागरिक मारे गए हैं जिसमें 65 बच्‍चे और 39 महिलाएं हैं। इजरायली हमलों में 1900 से ज्‍यादा फलस्‍तीनी घायल हो गए हैं। उधर, इजरायल का दावा है कि उसने हमास और इस्‍लामिक जिहाद जैसे गुटों के कम से कम 160 सदस्‍यों को मार गिराया है। इजरायल में भी 12 लोग मारे गए हैं और सैंकड़ों लोग रॉकेट हमलों में घायल हो गए हैं।

    संघर्ष विराम के बाद दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। संघर्ष विराम के ऐलान के बाद इसका मस्जिदों में लाउड स्‍पीकर के जरिए ऐलान किया गया। इसमें दावा किया गया कि इजरायल के साथ ‘स्‍वार्ड ऑफ यरुशलम’ की जंग में जीत हासिल हुई है। दोनों ही पक्षों ने कहा है कि अगर शांति के समझौते का उल्‍लंघन हुआ तो वे पलटवार करने के लिए तैयार हैं।

    दोनों पक्षों के बीच जारी संघर्ष के कारण बढ़ रहे मौत के आंकड़ों के बीच वैश्विक समुदाय लगातार संघर्ष को खत्म करने की अपील कर रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने भी नेतन्याहू से संघर्ष को खत्म करने की अपील की थी। जबकि मिस्र, कतर और संयुक्त राष्ट्र ने मध्यस्थता करने की बात कही थी।

    मध्य पूर्व के मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति शाम 5.45 मिनट पर बयान देने वाले थे। वहीं हमास ने कहा था कि संघर्ष की समाप्ति आपसी सहमति के साथ होगा। हमास प्रमुख इस्माइल हेनियाह के मीडिया सलाहकार ताहेर अल-नेनो ने कहा था कि हम फ्लिस्तीन इस समझौते को तबतक ही मानेगा जबतक इजरायल मानेगा।

    मिस्र के राज्य टीवी ने बताया कि मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी ने इजरायल और फ्लिस्तीन में दो सुरक्षा प्रतिनिधिमंडल भेजे थें, जिन्हें आदेश दिया गया था कि वो युद्ध विराम की दिशा में काम करें। वहीं हमास सशस्त्र विंग के प्रवक्ता अबू उबैदा ने एक टेलीविजन में कहा था कि भगवान की कृपा से हम दुश्मन को नुकसान पहुंचाने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि अगर इजरायल ने युद्ध विराम का उल्लंघन किया तो या युद्ध विराम के लागू होने से पहले गाजा पर हमला किया तो गाजा के रॉकेट पूरे इजरायल तक पहुंच जाएंगे।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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