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    देशभर में कोरोना के रोज बढ़ते मामले और साथ में दवाओं-ऑक्सीजन के लिए मचे हाहाकार के बीच सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को लेकर सख्ती दिखाई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर यह पूछा है कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए उनकी क्या योजना है।

    सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि कोरोना से निपटने के लिए आपके पास क्या व्यवस्था है। गुरुवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि देश को ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है। देश के कई हिस्सों में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने से काफी दिक्कतें हो रही हैं। ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से मरीजों की तकलीफ बढ़ती जा रही है। शीर्ष अदालत इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगी। चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस एस रविन्द्र भट की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने हरीश साल्वे को अमाइकस क्यूरी (न्याय मित्र) नियुक्त किया है।

    4 मुद्दों पर मांगा जवाब

    सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर केंद्र सरकार से चार मुद्दों पर जवाब मांगा है। इसमें ऑक्सीजन सप्लाई की स्थिति, कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक दवाओं, टीकाकरण के तरीकों और लॉकडाउन घोषित करने का अधिकार राज्य सरकारों को हो, ये विषय शामिल है।

    इससे पहले बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे दिल्ली के उन अस्पतालों को फौरन किसी भी तरीके से ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए जो इसकी कमी से जूझ रहे हैं। हाई कोर्ट ने कहा था, ‘‘केंद्र हालात की गंभीरता को क्यों नहीं समझ रहा? हम इस बात से स्तब्ध और निराश हैं कि अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो रही है लेकिन स्टील प्लांट चल रहे हैं।’’

    हाई कोर्ट ने कहा था कि जब तक ऑक्सीजन का आयात नहीं होता तब तक अगर स्टील और पेट्रोलियम जैसे उद्योग कम क्षमता के साथ काम करें तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा। लेकिन अस्पतालों को चिकित्सीय ऑक्सीजन नहीं मिली तो तबाही मच जाएगी। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, “हम लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण मरते हुए नहीं देख सकते। उसने कहा कि आप ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सभी संभावनाओं की तलाश नहीं कर रहे। भीख मांगें, उधार लें या चोरी करें।”

    अगली सुनवाई कल

    चीफ जस्टिस एसए बोबडे, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एसआर भट की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि वह देश में कोविड-19 टीकाकरण के तौर-तरीके से जुड़े मुद्दे पर भी विचार करेगी। पीठ ने कहा कि वह वैश्विक महामारी के बीच लॉकडाउन घोषित करने की हाई कोर्ट की शक्ति से जुड़े पहलू का भी आकलन करेगी। पीठ ने केंद्र को नोटिस जारी किया और कहा कि वह मामले में शुक्रवार को सुनवाई करेगी।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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