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    महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों पर काबू पाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कड़ी पाबंदियों का ऐलान किया है। ये पाबंदियां अगले 15 दिनों के लिए लागू की गई हैं।  केवल आवश्यक गतिविधियों को ही मंजूरी दी गई है। राज्य को संबोधित करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘युद्ध दोबारा शुरु हो चुका है।’ महाराष्ट्र में पूरे प्रदेश में आज से धारा-144 लागू हो गई है। इसके तहत चार से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। हालांकि, इस दौरान आवश्यक यात्रा और सेवाओं को मंजूरी दी गई है। उन्होंने लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल न करते हुए इसे ‘ब्रेक द चेन अभियान’ करार दिया।

    1500 रुपयों और भोजन की मदद

    लॉकडाउन के चलते राज्य में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं भी टाल दी गई हैं। बगैर जरूरी काम के लोगों के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। लॉकडाउन के दौरान सरकार रियल एस्टेट सेक्टर के मजदूरों और परमिट वाले रिक्शा चालकों को 1500 रुपए की मदद देगी और आदिवासियों को 2000  रुपये दिए जाएंगे। अगले एक महीने तक शिव भोजन योजना के तहत गरीबों को खाने की थाली भी मुफ्त दी जाएगी। हमने 3,300 करोड़ रुपये की रकम कोविड के लिए निकाले हैं, जिससे लोगों को मदद दी जाएगी। हमने कुल 5,500 करोड़ रुपये का बजट कोरोना के लिए तय किया है।

    किस-किस पर है पाबन्दी?

    मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि वर्क फ्रॉम होम करें। सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक केवल आवश्यक सेवाएं ही जारी रहेंगी। इनमें स्वास्थ्य, बैंक, मीडिया, ई-कॉमर्स और फ्यूल शामिल है। शॉपिंग सेंटर, मॉल, फिल्म शूट्स और बीच इस दौरान बंद रहेंगे। होटल और रेस्तरां से खाना होम डिलिवरी और पैक कराकर ले जाने की छूट रहेगी। अगर कोई कोविड नियमों का पालन नहीं करता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा।

    राजनीतिक सभाओं, शादियों और अंतिम संस्कारों में लोगों की संख्या सीमित होगी। ये पाबंदियां 1 मई तक लगाई गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘दुर्भाग्य से मुझे पाबंदियों का ऐलान करना पड़ रहा है। अब एक्शन का समय है।  यह एक लॉकडाउन नहीं है, लेकिन हां सख्त पाबंदियां लगाए जाएंगी। मुझे पता है कि रोजी-रोटी जरूरी है, लेकिन जिंदगियां बचाना ज्यादा जरूरी है।’ इसके अलावा सीएम ठाकरे ने ऑक्सीजन और दवाइयां कम पड़ने की स्थिति में सेना से मदद की अपील की है।

    बुधवार शाम से राज्य में फिल्मों, टीवी सीरियलों एवं विज्ञापनों की शूटिंग स्थगित रहेगी। वर्तमान आदेश से उन शूटिंगों पर रोक लग गयी है जो बार-बार कोविड जांच और भीड़ वाले दृश्यों से बचने जैसे एहतियातों के साथ चल रही थीं।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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