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    शिवसेना सांसद संजय राउत ने गुरुवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में महा विकास अगाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के लिए गंदी राजनीति की जा रही है और कहा कि इस तरह के प्रयास सफल नहीं होंगे।

    राउत कि यह टिप्पणी इंस्पेक्टर सचिन वाज़े को निलंबित कर दिए गए पत्र के एक दिन बाद आई है जिसमें दावा किया गया है कि पूर्व राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस में अपनी सेवा जारी रखने के लिए उनसे 2 करोड़ रुपए की मांग की थी और एक अन्य मंत्री अनिल परब ने उनसे ठेकेदारों के साथ धन इकट्ठा करने के लिए कहा।

    वाज़े को पिछले महीने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी एसयूवी और व्यवसायी मनसुख हिरण की मौत के मामले में गिरफ्तार किया था। शिवसेना के नेता परब ने बुधवार को वाज़े के दावों को खारिज कर दिया और कहा कि वह आरोपों की किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह कहते हुए शिवसेना पिता बालासाहेब ठाकरे की शपथ भी ली और कहां कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।

    गुरुवार को पत्रकारों से बात करते समय संजय राउत ने कहा कि जेल में बंद अभियुक्तों से पत्र लिखवाने का एक नया चलन है। इससे पहले कभी भी देश में गंदी राजनीति को इस तरह से नहीं दिखाया गया होगा, जैसे जांच एजेंसियों और राजनीतिक दलों की आईटी सेल का इस्तेमाल कर हत्या करना और जेल में बंद आरोपियों के पत्र लाना, राज्यसभा सदस्य ने कहा। संजय रावत ने यह भी कहा कि एमवीए सरकार कमजोर और अस्थिर करने के प्रयास सफल नहीं होंगे। शिवसेना सांसद रावत ने कहा मैं अनिल परब को जानता हूं वह एक कट्टर शिवसैनिक है और बालासाहेब ठाकरे के नाम पर कभी गलत तरीके से कसम नहीं खाएंगे।

    शिवसेना एनसीपी और कांग्रेस की महाराष्ट्र में सत्ता साझा है।

    By दीक्षा शर्मा

    गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली से LLB छात्र

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