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    असम की सियासत में एक बड़ा भूचाल सामने आया है। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रमुख बदरुद्दीन अजमल का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वे ये कहते नजर आ रहे हैं की कि असम को इस्लामिक राष्ट्र बनाया जाएगा। यह वीडियो कुछ समय पुराना है और असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसी के चलते इस तरह का वीडियो वायरल हुआ है। लेकिन अब इस पर बदरुद्दीन अजमल की सफाई सामने आई है। उन्होंने इस वीडियो को झूठा बताया है। ट्विटर पर बदरुद्दीन अजमल के विरोध में एक हैशटैग ट्रेंड हुआ। उसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा है। बदरुद्दीन अजमल के उस पुराने वीडियो में वे यह कहते हैं नजर आ रहे हैं कि असम को इस्लामिक राष्ट्र बना दिया जाएगा।

    लेकिन जब इस मामले में यह वीडियो वायरल होने के बाद उनसे सफाई मांगी गई तो उन्होंने कहा कि यह वीडियो झूठा है। उनके पुराने वीडियो को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। वे ये कहना चाहते थे कि मुगलों ने भारत पर कई वर्षों तक राज किया लेकिन कभी इस्लामिक राष्ट्र बनाने के बारे में नहीं सोचा। उन्होंने कहा कि हेमंत विश्व शर्मा ने जब उन्हें मुगलों से संबंधित बताया था, तो इसी पर उन्होंने जवाब दिया था। उनके जवाब को तोड़ मरोड़ कर इस वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है। इस घटना के बाद से राज्य में सियासी पारा चढ़ा हुआ है।

    सोशल मीडिया पर जमकर बदरुद्दीन का विरोध किया जा रहा है। बदरुद्दीन ने अपनी सफाई में इस वीडियो को फर्जी तो बताया तो है ही साथ ही कहा है कि इस वीडियो में उनके कुछ अलग-अलग भाषणों को तोड़ मरोड़ कर इस तरह से पेश किया गया है। असम में बदरुद्दीन की पार्टी एआईयूडीएफ और कांग्रेस साथ मिलकर गठबंधन में चुनाव लड़ रहे हैं और इस वीडियो में भी बदरुद्दीन अजमल ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ के गठबंधन के बाद असम को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की बात कही है। इस वीडियो के वायरल होने से असम का सियासी पारा चढ़ चुका है।

    आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा की नजर पांचों राज्यों पर है। असम भी उनमें से एक है। वहां कांग्रेस और एआईयूडीएफ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं। ऐसे में इस तरह की वीडियो का वायरल होना गठबंधन को कमजोर कर सकता है। साथ ही जनता को भी इस मोर्चे पर बांट सकता है। इस वीडियो के बाद असम में चुनावी घमासान होना तय है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद गठबंधन को नुकसान जरूर होगा। बदरुद्दीन अजमल इससे पहले भी केंद्र सरकार की कई नीतियों का विरोध करते आए हैं। उन्होंने सीएए का भी विरोध किया था। साथ ही इस वीडियो में भी वे साफ-साफ असम को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के बात कहते नजर आ रहे हैं। उनकी सफाई का असम की जनता पर कितना असर होता है, यह चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा। लेकिन इतना तय है कि गठबंधन को इसके बाद नुकसान जरूर होगा। सोशल मीडिया पर हुए विरोध के बाद भी पार्टी की छवि को नुकसान जरूर होगा।

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