बंगाल के विधानसभा चुनाव अपने आखिरी दौर में भी काफी दिलचस्प होते नजर आ रहे हैं। पिछले 10 सालों से सत्ता पर काबिज़ तृणमूल कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों तक काफी कमजोर पड़ती नजर आ रही है। तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी ने भी आज बीजेपी की सदस्यता ले ली है। दिनेश त्रिवेदी ने कुछ समय पहले पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफा देने का कारण पार्टी में घुटन महसूस होना बताया था और कहा था कि पार्टी में लोकतांत्रिक व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। आज उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
उन्होंने भाजपा की जमकर तारीफ की है और तृणमूल कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। दिनेश त्रिवेदी के द्वारा पार्टी की सदस्यता लिए जाने पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उनको बधाई दी है। साथ ही नड्डा ने कहा है कि अब जाकर सही व्यक्ति सही पार्टी में शामिल हुए हैं। दिनेश त्रिवेदी ने भी बीजेपी को राष्ट्र हित के लिए काम करने वाली पार्टी बताया है। साथ ही त्रिवेदी ने बीजेपी को अपने परिवार जैसा भी बताया है।
ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के 291 उम्मीदवारों की सूचि शुक्रवार शाम को जारी कर दी है। तृणमूल कांग्रेस ने इस सूचि को बनाते वक्त जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा है। ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव लड़ेंगी। उम्मीदवारों की सूचि में 50 महिलाएं शामिल हैं। साथ ही 79 दलित और 42 मुसलमान उम्मीदवार भी तृणमूल कांग्रेस ने मैदान में उतारे हैं। ममता बनर्जी अपनी पारम्परिक सीट भवानीपुर से इस बार चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंंने यहां से शोभनदेेव चटर्जी को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।
तृणमूल कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा तो कर दी है लेकिन पार्टी के कुछ नेता इस बंटवारे से नाराज नजर आ रहे हैं। पार्टी में 76 ऐसे नेता है जिनके साथ संभावना जताई जा रही है कि वे बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं। ये नेता बीजेपी नेता मुकुल रॉय से मिल चुके हैं और संभव है कि वे भी जल्द ही बीजेपी ज्वाइन कर लें। वे नेता काफी समय से पार्टी से टिकट की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन टिकट न मिलने से इनकी नाराजगी बढ़ गई है और यह नाराजगी तृणमूल कांग्रेस को एक बड़ा झटका दे सकती है।
तृणमूल कांग्रेस से लगातार बड़े दिग्गज नेताओं का साथ छूटा है लेकिन फिर भी ममता बनर्जी अपनी जीत के लिए काफी हद तक आत्मविश्वास में हैं। बीजेपी दावा कर चुकी है कि ममता बनर्जी को बंगाल में बुरी तरह से हराने वाली है। चुनाव के नतीजे मई के शुरुआती दिनों में आएंगे और तभी यह स्पष्ट हो जाएगा कि बंगाल की स्थिति क्या रहती है। ये चुनाव बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों के लिए ही साख का सवाल बने हुए हैं।
यदि ममता बनर्जी की पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव जीतती है तो यह उनकी जीत की हैट्रिक होगी। वहीं यदि बीजेपी ये विधानसभा चुनाव जीतती है तो यह बीजेपी के लिए एक बड़ी जीत साबित होगी। हालांकि दोनों ही पार्टियां अपनी अपनी तरफ से अपनी साख बचाने की पूरी कोशिश करती दिख रही हैं।